मप्र का हर तीसरा IAS अफसर किसान है, क्या कोई गोलमाल है

भोपाल। मप्र के 391 में से 125 आईएएस अफसरों के पास खेती की जमीन है। वो खेती भी करते हैं परंतु बहुत कम हैं जिन्हे खेती से आय होती है। बाकी सारे घाटे में खेती किए जा रहे हैं। मजेदार बात यह है कि ज्यादातर अफसरों के खेत राजधानी के आसपास ही हैं, इसके अलावा कई अफसरों के खेत पास पास में हैं। सवाल यह है कि क्या सचमुच मप्र की अफसरशाही खेती में रुचि रखती है या यह ब्लैकमनी को व्हाइट करने का कोई देसी नुस्खा है। सवाल यह भी है कि क्या इनके खेतों में कभी बीज भी रोपे जाते हैं या ये यूं ही पड़े हैं, बंजर, किसी बंपर मौके के इंतजार में। 

स्कूल शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एसआर मोहंती के पास भोपाल में फंदा ब्लाक के बर्रई ग्राम में दो एकड़ व खुदागंज में 0.275 एकड़ और उनके गृह नगर भुवनेश्वर में 8.220 एकड़ कृषि भूमि है, लेकिन इनसे कोई आय होने का उल्लेख उन्होंने अपनी सपत्ति की जानकारी में नहीं किया है। 
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसके मिश्रा को भी भोपाल के पास स्थित सात एकड़ जमीन से कोई कमाई नहीं हो रही है। भोपाल से लगे हुए भोजपुर में संजय शुक्ल की (7.5 एकड़), डीडी अग्रवाल (4 .024 हेक्टेयर), नीतीश कुमार व्यास (1. 25 एकड़), राजेश राजोरा (4 एकड़), राजेश चतुर्वेदी (3एकड़), सुरंजना रे (एक एकड़), अल्का उपाध्याय (2.024 हेक्टेयर) और मलय श्रीवास्तव (2. 47 एकड़) जमीन हैं, लेकिन आय के नाम पर कुछ भी नहीं मिल रहा है। 

केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में पदस्थ नीरज मंडलोई की खंडवा स्थित 11.595 हेक्टेयर जमीन है, लेकिन उनकी संपत्ति के ब्यौरे में इससे कमाई होने का कहीं भी जिक्र नहीं है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में अपर मुख्य सचिव आरएस जुलानिया को भी इंदौर स्थित कृषि भूमि से कोई आय नहीं हुई है। मुख्य सचिव अंटोनी डिसा की उनके गृह राज्य गोवा में कृषि भूमि है, लेकिन इससे कोई आय नहीं हो रही है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव बीपी सिंह को गाजीपुर स्थित 11. 511 हेक्टेयर भूमि से कोई आय नहीं होती है। 

से अफसर करते हैं खेती से कमाई 
ऐसा नहीं है कि अफसरों को कृषि भूमि खरीदने से फायदा नहीं हो रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान को सहारनपुर स्थित आम के बागान से साल में साढ़े तीन लाख मिल जाते है। कल्पना श्रीवास्तव अपनी 7 एकड़ जमीन से 48 हजार रुपए, अनुपम राजन को एक एकड़ कृषि भूमि से 60 हजार और अजातशत्रु श्रीवास्तव को सतना और रीवा स्थित 29.31 एकड़ जमीन और एक एकड़ में फैले बगीचे से 2.85 लाख की सालाना आय हुई। इसी तरह एनपी डहेरिया की होशंगाबाद स्थित 14 एकड़ जमीन उन्हें साल भर में 5 लाख, एसपीएस परिहार की धार स्थित 46 बीघा जमीन 50 हजार और अजीत केसरी को भोपाल और रायपुर स्थित कृषि भूमि से एक लाख रुपए कमा कर दे रही हैं। 

इनकी होती है मोटी कमाई 
खेती से सबसे अधिक आय अर्जित करने वालों में कृषि उत्पादन आयुक्त पीसी मीणा अन्य अफसरों से आगे हैं। मीणा की माधोपुर, रायसेन और जयपुर स्थित अपनी कृषि भूमि से लगभग 17.50 आय है। मुख्यमंत्री के सचिव विवेक अग्रवाल मीणा से ज्यादा पीछे नहीं है। उनकी बठिंडा, गंगानगर और सिरसा में 62 एकड़ से अधिक कृषि भूमि है जिससे उन्हें लगभग 16.5 लाख की वार्षिक आय है। इस सूची में एमके सिंह का नाम भी आता है। उन्हें भोपाल और रायसेन में 25 हेक्टेयर से अधिक जमीन से लगभग 9.5 लाख की आय हो रही है। जबकि उज्जैन कमिश्नर रविंद्र पस्तौर ने इस साल 8 हजार वर्ग मीटर से जमीन पर खेती से डेढ़ लाख की कमाई की है। 

इन अफसरों के लिए कृषि भूमि आय का साधन नहीं 
राजधानी के बाहर भी कई अफसरों की कृषि भूमि है, जिनसे उन्हें कोई आय नहीं है। सुखबीर सिंह की एटा स्थित 1.310 हेक्टेयर, संदीप यादव की रायसेन स्थित 1.214 हेक्टेयर, लक्ष्मीकांत द्विवेदी की प्रतापगढ़ स्थित दो एकड़, बी चंद्रशेखर की गोंदिया स्थित 3.67 हेक्टेयर, श्रीमन शुक्ल की भिंड स्थित 6.20 एकड़, भरत यादव की दतिया स्थित दो एकड़, राजेश जैन की अशोकनगर में 3.260 हेक्टेयर और आदित्य सिंह की रीवा स्थित 10 एकड़ कृषि भूमि से कोई आय नहीं होना बताया गया है । 

ब्यूरोक्रेसी के चर्चित चेहरे, जो किसानी भी कर रहे 
विनोद सेमवाल: देहरादून में 0.3329 हेक्टेयर। भोपाल-गोदरमऊ में 1.6 एकड़। भैंसाखेड़ी-भोपाल में एक एकड़। 
केके सिंह: भोपाल- मेंडोरा में 0.84 एकड़, बैरागढ़-चींचली 0.24 एकड़। रायसेन में 4 एकड़। 
अरुण पांडे जबलपुर में 0.350 हेक्टेयर व रायसेन में 1.210 हेक्टेयर 
संजय दुबे-टीकमगढ़ में 10 हेक्टेयर व उप्र-जालौन में 2 हेक्टेयर। भोपाल में 0.410 हेक्टेयर। 
प्रवीण गर्ग- शहपुरा-जबलपुर में 3 एकड़। महुआखेड़ा-भोपाल में 2 एकड़। 
मनोज श्रीवास्तव-बावडिय़ा कलां-भोपाल में0.25 डेसीमल व हुजूर-भोपाल में 1.76 एकड़। 
आशीष उपाध्याय-रायसेन में 3.14 हेक्टेयर। 
हरिरंजन राव-मेंडोरा-भोपाल में 0.10 हेक्टेयर। 

यह भी है किसान 
मनोज गोयल, कंचन जैन, अशोक वर्णवाल, मनोज गोविल, के सी गुप्ता, वी एल कांताराव, अनिरुद्ध मुकर्जी, मनोहर अगनानी, एस के पॉल, संजीव झा, अनुराग जैन, राजीव रंजन, विनोद कुमार, शैलेन्द्र सिंह, गौरी सिंह, संजय सिंह, राजेश चतुर्वेदी, बी आर नायडू, इकबाल सिंह बैंस, अशोक शाह, एस एन मिश्रा, मनु श्रीवास्तव, एस बी सिंह, शिवानंद दुबे, विनोद बघेल, शिव नारायण रूपला, एम के चौधरी, दुर्ग विजय सिंह, अमित राठौर, उमराव, केरोलिन खोंग्वार, मधु खरे, के के खरे, निकुंज श्रीवास्तव, के पी राही, एस एस बंसल, सुरेंद्र उपाध्याय, शोभित जैन, एस एस कुमरे , अनुराग चौधरी, अल्का श्रीवास्तव, राजा भैया प्रजापति, एम बी ओझा, अशोक भार्गव, डॉ मसूद अख्तर, राजेश बहुगुणा, डी डी अग्रवाल, जी वी रश्मि, संजीव सिंह, कृष्णा गोपाल तिवारी, एस सोमवंशी, प्रवीण सिंह, अनुराग वर्मा, बी कार्तिकेयन, आदित्य सिंह, हर्ष सिंह, ऋतुराज और एम मेघना ने अपने प्रॉपर्टी रिटर्न में कृषि भूमि होना स्वीकार किया है । 

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