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कांकेर डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर से करीब 70 किलोमीटर दूर कोड़ेकुर्से गांव में 21 जुलाई को जनसमस्या निवारण शिविर लगा था। कलेक्टर शम्मी आबिदी ने वहां जाने की इच्छा जताई। उनके जूनियर अफसर मना करने लगे, लेकिन वह नहीं मानीं। आखिरकार कोटरी नदी में एनीकट के ऊपर बहते पानी को पारकर वह कोड़ेकुर्से पहुंचीं। इसकी फोटो सामने आने के बाद आईएएस एसोसिएशन ने आबिदी की खूब तारीफ की। दिल्ली तक इसकी चर्चा होने लगी। (जान हथेली पर ले ग्रामीणों से मिलने पहुंची महिला कलेक्टर)
बाद में यह बात सामने आई कि आबिदी ने नदी पार करते समय बॉडीगार्ड से ही चप्पलें उठवाईं। अब सोशल मीडिया पर उनका वही फोटो नए एंगल के साथ वायरल हो रहा है। लोग उनकी सामंती सोच की निंदा कर रहे हैं। लोगों की सहानुभूति गनर के साथ है, जिसे सुरक्षा के लिए भेजा गया था परंतु चप्पलें ढोनी पड़ रहीं हैं।
बाद में यह बात सामने आई कि आबिदी ने नदी पार करते समय बॉडीगार्ड से ही चप्पलें उठवाईं। अब सोशल मीडिया पर उनका वही फोटो नए एंगल के साथ वायरल हो रहा है। लोग उनकी सामंती सोच की निंदा कर रहे हैं। लोगों की सहानुभूति गनर के साथ है, जिसे सुरक्षा के लिए भेजा गया था परंतु चप्पलें ढोनी पड़ रहीं हैं।