भोपाल। यशोधरा राजे सिंधिया से उद्योग विभाग छीन लिया गया, जबकि उन पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं था। लंबे समय से उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान उनके खिलाफ केंपेन कर रहे थे। हर छोटी बात का बतंगड़ बना दिया करते थे। हर बिगड़े काम का ढीकरा भी वो यशोधरा राजे के सिर ही फोड़ा करते थे। अब अपने मीडिया मित्रों की मदद से वो प्रचारित कर रहे हैं कि सीएम खुद यशोधरा राजे सिंधिया से नाराज हैं, क्योंकि सिंधिया अक्सर सीएम की बात काट दिया करती थीं। सिंधिया को हटाए जाने में उनका कोई हाथ नहीं है। शायद वो यशोधरा राजे सिंधिया के पलटवार से बचना चाहते हैं। वो चाहते हैं कि अब वो अपना पूरा फोकस उन कामों पर करें जो सिंधिया के रहते नहीं कर पा रहे थे और इस दौरान वो कोई तनाव नहीं चाहते।
सुलेमानी मीडिया का दावा है कि कैबिनेट कमेटी ऑफ इंवेस्टमेंट प्रमोशन (सीसीआईपी) की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की मौजूदगी में सिंधिया ने रियायत पर सवाल उठाया था। इस घटना से अंबानी ग्रुप बेहद नाराज था क्योंकि मंत्री की आपत्ति के कारण ग्रुप को विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) की वे सारी रियायतें नहीं मिल पाईं, जो वे मांग रहे थे।
इसी बात पर एडीएजी ग्रुप और मप्र सरकार के बीच करार में विलंब हुआ और वे अपनी प्लानिंग के हिसाब से काम नहीं कर पाए। इसी वजह से सिंधिया के खिलाफ कॉर्पोरेट घराने ने पार्टी हाईकमान सहित कई जगह अपनी नाराजगी जताई और विभाग बदलने के लिए दबाव बनाया। उनका यह दबाव सफल भी रहा और एक पखवाड़े पहले हुए मंत्रिमंडल फेरबदल में सिंधिया का विभाग बदल दिया गया।
यहां लगी थी आग, जिसे भड़काया गया
मप्र में अनिल धीरूभाई अंबानी समूह ने 40 हजार करोड़ रुपए से अधिक के चरणबद्ध निवेश का इरादा जताया था। इनमें इंदौर के समीप पीथमपुर में इंटीग्रेटेड लैंड सिस्टम डिफेंस मेन्यूफैक्चरिंग हब तथा भोपाल में रोटरी विंग हेलिकॉप्टर मेन्यूफैक्चरिंग इकाई का प्लान बताया गया था।
कंपनी ने रक्षा उत्पादन क्षेत्र के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण और ऊर्जा क्षेत्र में भी निवेश की इच्छा जताई थी। इसके लिए सरकार ने पीथमपुर में 700 एकड़ और भोपाल में 70 एकड़ जमीन चिन्हित की है। प्रस्तावित निवेश की रुपरेखा तय करने अनिल अंबानी 22 अक्टूबर 2015 को भोपाल आए और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व मप्र के विभिन्ना विभागों के अफसरों के साथ दो घंटे चर्चा की।
उनका डिफेंस प्रोजेक्ट जब अनुमति के लिए सीसीआईपी की बैठक में गया तो उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री रहीं सिंधिया ने इस पर आपत्ति उठा ली। उन्होंने कहा कि निवेशक को इतनी ज्यादा छूट नहीं दी जा सकती। साथ ही बैठक में उद्योग विभाग की मौजूदगी पर ही आपत्ति उठा दी। इस पर सीएम ने नाराजगी दिखाई और कहा कि यदि ऐसा है तो यह बैठक कर ही क्यों रहे हैं। इसके बाद बैठक रद्द कर दी गई। बाद में अगली बैठक में मामले को निपटाया गया।
कोई भी निवेशक छूट तो मांगेगा ही
एडीएजी ग्रुप द्वारा ज्यादा छूट मांगने के सवाल पर उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान कहते हैं कि जो भी व्यक्ति निवेश करता है वो ज्यादा रियायत तो चाहता ही है। उन्होंने बताया कि अंबानी ग्रुप को पीथमपुर में इंटीग्रेटेड लैंड सिस्टम डिफेंस मेन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के लिए सरकार ने जमीन आवंटित कर दी है। भारत सरकार ने डिफेंस क्षेत्र के निवेश के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अनुमति मिलते ही काम चालू हो जाएगा।
क्या सुलेमान डाल रहे थे आग में घी
ऐसा कोई मंत्री नहीं जिसका अपने विभाग में विरोध ना हो। खुद सीएम शिवराज सिंह का काफी विरोध है, फिर सवाल उठता है कि क्यों केवल यशोधरा राजे सिंधिया ही कार्रवाई का शिकार हुईं। कहीं ऐसा तो नहीं कि सुलेमाल हर छोटी बड़ी चिंगारी को हवा देने का काम कर रहे थे। उन्होंने ही कार्पोरेट घरानों के लोगों को भड़काया, क्योंकि वो चाहते थे कि उद्योग विभाग में कोई ऐसा मंत्री आए जिसे उनसे ज्यादा समझ ना हो।