मुजफ्फरनगर/उत्तरप्रदेश। अक्सर यह आवाज उठती है कि बड़े सरकारी नेता या अधिकारी लक्झरी प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने क्यों जाते हैं, सरकारी अस्पतालों में इलाज की बाध्यता होनी चाहिए। ऐसा होने से व्यवस्थाएं अपने आप ठीक हो जाएंगी। तो यहां एक ऐसा उदाहरण सामने आया है।
आइएएस अफसर प्रियंका निरंजन खतौली तहसील की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हैं और इन दिनों मैटरनिटी लीव पर हैं। उनके पति मनीष सिंह आइपीएस अफसर हैं। उनकी तैनाती गुजरात में है। जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. अमिता गर्ग ने बताया कि शुक्रवार को प्रियंका निरंजन को प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने ऑपरेशन के बाद बेटी को जन्म दिया है। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। बताते चलें कि प्रियंका निरंजन ने 2012 में आईएएस टॉप किया था। उनकी 20वीं रैंक थी।
डॉ. अमिता गर्ग का कहना है कि सभी सुख-सुविधाओं के बावजूद प्रियंका ने प्रसव के लिए शासकीय महिला अस्पताल को ही ठीक माना। उनके पति आइपीएस अधिकारी मनीष सिह का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक क्वालीफाइड, प्रशिक्षित व तजुर्बेदार हैं। सरकारी अस्पतालों में वे सभी सुविधाएं भी हैं। महिला अस्पताल में पत्नी का प्रसव कराकर हमने यही संदेश देने का प्रयास किया है कि यहां भी सुविधाएं पर्याप्त हैं।