कटनी। शिक्षक कांग्रेस कटनी की मेजबानी में विशाल प्रांतीय सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमे प्रदेश भर के सभी जिलों से अध्यापक शामिल हुये। कार्यक्रम में शिक्षक कांग्रेस द्वारा सेवानिवृत शिक्षकों एवम् अतिथि शिक्षकों का सम्मान कर शाल और श्रीफल भेंट किये साथ ही शिक्षा विभाग में जारी विसंगतियों को खत्म करने सभी अध्यापकों से एकजुट होने कहा। जिसमे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रामेश्वर नीखरा (संरक्षक शिक्षक कांग्रेस) एवम् रामनरेश त्रिपाठी (पूर्व सांसद) रहेे।
शिक्षक कांग्रेस कटनी द्वारा आज 3 जुलाई रविवार को प्रांतीय सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमे कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सेवानिवृत शिक्षकों का सम्मान और शिक्षा विभाग में व्याप्त विसंगतियो को लेकर यह सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमे प्रदेश के सभी जिलों से अध्यापक पहुंचे साथ ही दो सौ से अधिक सेवानिवृत शिक्षकों का श्रीफल और शाल देकर सम्मान किया गया कार्यक्रम में नवनीत चतुर्वेदी संयोजक रहे जिसमे जबलपुर से विश्वजीत पटैरिया, प्रांतीय सचिव हरिप्रसन्न त्रिपाठी , मदन मनिहार , सागर से श्याम तिवारी, डिंडौरी से निरंजन कुशवाहा ,पन्ना जिले से कमलेश त्रिपाठी, सहदीप सिंह, अक्सर खान (शहडोल) अशोक सिंह (सतना) प्रेम नारायण त्रिपाठी (सिहोरा) जिसमे कटनी जिले से कमलेश द्विवेदी , कमलेश गर्ग (जिला महामंत्री) नारायण मिश्रा(जिला प्रवक्ता) अजय सिंह, रमाशंकर तिवारी , श्रीकांत शुक्ला,फहीम खान, इलियास खान, अरुण दुबे, वीरेंद्र दुबे ( बहोरीबंद) दिलीप द्विवेदी, सुनील यादव , केडीसी कालेज के डायरेक्टर पारस जैन आदि सभी शिक्षकों का सराहनीय योगदान रहा जिससे कार्यक्रम का व्यवस्थित आयोजन हुआ।
शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग
कार्यक्रम में शिक्षक कांग्रेस के साथ सभी शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी भी सम्मेलन में शामिल हुये जिसमे शिक्षा विभाग में व्याप्त विसंगतियों एवम् शिक्षकों को अलग अलग नाम देकर अध्यापकों के साथ भेदभाव करने की मांग को लेकर चर्चा की गयी। जिसमे बताया गया की शिक्षा विभाग में रोज नए नित प्रयोग किये जाते हैं जो सिर्फ शिक्षा विभाग में ही किए जाते हैं जिससे शिक्षकों को अनेक प्रकार से मानसिक प्रताड़ना दी जाती है जो अब शिक्षकों के बर्दाश्त के करने के बस में नही है।
ज्ञात हो की बीते दिनों ही शिक्षकों की ड्यूटी खुले में शौच करने वाले लोगों की निगरानी करने में लगाई गयी थी। जिसका प्रदेश भर के शिक्षकों ने विरोध जताया था। जबकि एम शिक्षा मित्र को सिर्फ शिक्षको में ही क्यों लागू किया जा रहा है। जबकि रेवेन्यू एवम् अन्य महत्त्वपूर्ण कर्मचारी तो अपने कार्यालय से लापता रहते हैं तो उनमे यह ई अटेंडेंस क्यों नही लागू की जा रही है।
जगतगुरु का मिला आशीर्वाद
कार्यक्रम के आरंभ में ही काशी श्रीमठ से पधारे जगतगुरु श्री रामानन्दाचार्य एवम् स्वामी रामनरेशाचार्य ने अध्यापकों को आशीर्वाद प्रदान करते हुये शिक्षकों की गरीमा के महत्त्व को बताया जो एक अच्छे सभ्य समाज का निर्माण करते हैं लेकिन शिक्षकों के साथ भेदभाव कर विसंगतियों से शिक्षकों का अपमान करना समाज के हित में नही है।