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बैंक ने लोन की वापसी के लिए 27 अप्रैल 2016 को डिफाल्टर को नोटिस दिया था। बावजूद इसके लोन वापस नहीं किया गया। सेंट्रल बैंक के अधिकारियों के मुताबिक यह पूरा लोन केएस ग्रुप का है लेकिन इसके संचालक रमेशचंद गर्ग किसी खाते में स्वयं ऋणी हैं तो किसी खाते में गारंटर।
सरफेसी एक्ट 2002 के तहत कार्रवाई
डिफाल्टर पर सरफेसी एक्ट 2002 के तहत कार्रवाई की गई है। नोटिस देने के साठ दिन बाद सम्पत्ति जब्त और कब्जा प्राप्त करने की कार्रवाई जाती है। वह हमने पूरी कर ली है। फिलहाल हमारे इंजीनियर जमीन का वैल्यूएशन कर रहे हैं। तीन से चार दिन बाद जब्त जमीन को टुकड़ों में बेचने की कार्रवाई की जाएगी।
एमके श्रीवास्तव, डीजीएम सेंट्रल बैंक