
कंपनी ने उनकी टिकट 6 मार्च को ही बुक कर दिया था। उनसे नया टिकट बुक करने के लिए 5, 504 रुपये लिए गये। उन्हें टिकट के पैसे का प्रबंध करने के लिए अपनी जूलरी बेचनी पड़ गयी। इस भयावह अनुभव वाली यात्रा से वापस लौटने के बाद उन्होंने 22 मार्च को कंपनी को मानसिक उत्पीड़न के लिए एक नोटिस भेजा।
कंपनी ने 6 जून को उस नोटिस को हल्के में लेते हुए नामदेव को दो लोगों के लिए फ्री टिकट का ऑफर दिया। लेकिन नामदेव कंपनी की तरफ से दिए जा रहे इस हर्जाने से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने उपभोक्ता फोरम में जाने का फैसला किया।