जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मंडला जिले में वर्ष 2006 में हुए संविदा शाला शिक्षक भर्ती घोटाले में अवैध रूप से नियुक्त हो गए शिक्षकों एवं इस घोटाले में शामिल तमाम अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। याद दिला दें कि इस मामले में अफसरों ने सिर्फ एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई कर मामले को रफादफा कर दिया था जबकि घोटाले की मदद से नौकरी प्राप्त कर चुके संविदा शिक्षक अभी भी नौकरी कर रहे हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस अनुराग कुमार श्रीवास्तव की युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता मंडला निवासी आशीष अग्रवाल का पक्ष प्रशांत अवस्थी, आशीष त्रिवेदी, असीम त्रिवेदी, आनंद शुक्ला ने रखा। उन्होंने दलील दी कि मंडला में संविदा शिक्षक वर्ग-2 व 3 की नियुक्ति में जमकर गड़बड़ी हुई थी। यहां तक कि टाइप की हुई प्रतीक्षा सूची में पेन से नए नाम जोड़ लिए गए। फर्जी जाति प्रमाणपत्रों का सहारा लिया गया।
शिकायत के बाद महज एक के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर पूरे घोटाले को दबा दिया गया। इसीलिए व्यापक जनहित में हाईकोर्ट की शरण ली गई। ऐसा इसलिए भी क्योंकि विज्ञापन में वर्णित पदों से अधिक पर नियुक्ति की मनमानी हुई थी।