MBL INFRASTRUCTURE: दीवालिया होने जा रही कंपनी को प्रोजेक्ट कैसे मिल रहे हैं

अविनाश श्रीवास्तव। MP के Seoni और Balaghat जिले में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी MBL इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा seoni-Katangi-Bonkata और Garra-waraseoni-mohad सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है। मार्च 2016 से वेतन नहीं दे पा रही है लेकिन प्रोजेक्ट पे प्रोजेक्ट लेती जा रही है। दीवालीया हो रही कंपनी जो पगार देने में समर्थ नहीं है लगातार कौन सा finincial papaer लगाकर प्रोजेक्ट हथिया रहा है। इसके लिये MP शासन के सारे Satutatory Authority को CM (so called MaMa ji) को विगत बीस दिन से ट्वीट, fb व mail द्वारा लगातार मदद की गुहार लगा रहा हूं लेकिन यहाँ पे सबका आँखों का पानी सूख चुका है। 

मुस्कराता हुआ चेहरा का फ़ोटो पेस्ट करने में व्यस्त है जो अब जले पे नमक जैसा लगता है।आपसे काफी उम्मीद थी। की आप मेरे delayed salary के मुद्दे को उठाकर शासन और प्रशासन को जगाने की कोशिश करेगे लेकिन अफ़सोस शायद आपकी भी TRP नहीं बढ़ रहा होगा। जबतक कोई भुखमरी या कोई अनहोनी से मर न जाय। उसकी लाश का joom लेकर अपना TRP बढ़ाना शुरू कर देगे।

आपको अवगत करा चुका हूं कि सरकार शायद अप्रत्यक्ष रूप से दूसरा VIJAY MALAYA बना रही है। कही सैलरी नहीं दे पाने वाली कंपनी सरकार के नजरंदाज करनेे के कारण लगभग 5000 करोड़ की नई प्रोजेक्ट MoRTH/NHAI utterakhand, rajasthan एवम् MPRDC जबलपुर भोपाल में लिया है। इसके बदले Moblization amount भी उठा लिया है। 

कही प्रोजेक्ट सिर्फ इसी के लिए तो कंपनी नहीं false document पेश करके ले रही है। सरकार कालाधन वापस लाने में सफल नहीं हो रही है। और लापरवाही बरत कर सफ़ेद धन भी ऐसी कंपनी के माध्यम से फिर से निकल जाय। कंपनी CSR का भी कुछ नहीं किया उसका percent भी गबन कर रही है। SDM कटंगी ने श्री avi prasad द्वारा उसका पालन करने को कहा गया। लेकिन सब ठन्डे बस्ते में चला गया । कौन इसको empleement करवाएगा। MPRDC या local Administration। कोई देखने पूछने वाला नहीं है। 

क्या आप लोग इस शोषण का समाचार देश की जनता को दिखायेगे जिससे सरकार हस्ता मुस्कराता हाथ हिलाता मैंने ये किया वो किया का फ़ोटो पेस्ट करने से हटकर देश के अंदर जो अराजकता ऐसे कंपनी द्वारा मचाया गया है । कानून को अपने घर जैसा व्यवहार कर रहे है और सरकार फ़ोटो पेस्ट करने में लगी है। जगाने का प्रयास करे देश के अंदर उत्पीड़न रोके।
Avinash Srivastava 
avinash.srivastava12@gmail.com

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