भोपाल। फारेस्ट गार्ड की भर्ती में स्थानीय (जिला) लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह घोषणा शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी स्थित प्रशासन अकादमी में की। वे वन विभाग के संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। वन अफसरों द्वारा फारेस्ट गार्ड की भर्ती शर्तें सरल करने की मांग पर चौहान ने कहा कि वल्लभ भवन वाले उटपटांग शर्त लगा देते हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महावत का इंटरमीडिएट होना नहीं, कार्य में दक्षता जरूरी है। भर्ती में यही देखा जाना चाहिए। उन्होंने मुख्य सचिव की ओर इशारा करते हुए कहा कि जरूरी पदों पर भर्ती नहीं रोकना चाहिए। सीएम ने ये भी माना कि जंगलों में अवैध कटाई जारी है। उन्होंने कहा कि जंगलों में कहीं-कहीं खेत दिखाई दे जाते हैं। उन्होंने बफर जोन विकसित करने पर जोर दिया।
लघु वनोपज संघ व वन विकास निगम के काम में लगे मजदूरों की मजदूरी भुगतान व्यवस्था पर चौहान बोले कि जहां बैंक हैं, वहीं ई-भुगतान कराएं। वन अफसरों ने मुख्यमंत्री को बताया कि भर्ती शर्तों के कारण स्थानीय स्तर पर फारेस्ट गार्ड नहीं मिल रहे हैं। मैदानी स्तर पर 22 फीसदी पद खाली हैं। वर्तमान में आ रहे फारेस्ट गार्ड ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं रहना चाहते। इसलिए जंगलों और वन्यप्राणियों की हिफाजत में दिक्कत आ रही है।