भोपाल। मेनन चले गए, सिंहस्थ निपट गया, केबिनेट विस्तार भी हो गया। अब मप्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा को चाहिए एक ऐसा डायनामिक चेहरा जो भाजपा के पिछलग्गू बन गए युवा मोर्चा में नई जान फूंक सके। संगठन महामंत्री सुहास भगत ने इसकी तैयारियां शुरू कर दीं हैं।
सुहास भगत के सामने सबसे बड़ी चुनौती संगठन की सर्जरी ही है। मेनन के पसंदीदा चेहरे जनता में अपनी पकड़ नहीं बना पाए। मप्र में संगठन कमजोर होता जा रहा है। भाजपा पूरी तरह से आरएसएस पर डिपेंड हो गई है। यदि आरएसएस मदद ना करे तो कई भाजपाई पार्षद का चुनाव भी ना जीत पाएं। माना जा रहा है कि सुहास भगत संगठन की सर्जरी में मोर्चा, प्रकोष्ठ और जिला अध्यक्षों को बदल सकते हैं। खासकर मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बदलने की तैयारी मिशन 2018 को ध्यान में रखकर की जा सकती है। खासकर, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर बदलाव को लेकर चर्चा इन दिनों जोरों पर हैं।
सीएम शिवराज सिंह चौहान भी युवाओं पर फोकस करते हुए युवाओं से संवाद करने की योजना पर काम कर रहे हैं। मिशन 2018 में युवा मोर्चा की अहम जिम्मेदारी मानी जा रही है। अरविंद मेनन के समय पर युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बने अमरदीप मौर्य के कार्यकाल के दौरान वैसे भी युवा मोर्चा की कोई खास उपलब्धि नहीं रही और युवा मोर्चा इस दौरान संगठन के दिग्गज और सरकार के आगे बौना बना सिर्फ अपनी औपचारिकताएं निभाता नजर आया। अति पिछड़े वर्ग से आने वाले अमरदीप मौर्य प्रदेश अध्यक्ष तो बन गए, लेकिन कोई खास कामकाज नहीं दिखा सके।
संगठन महामंत्री अरविंद मेनन की मौजूदगी में युवा मोर्चा सहित सभी मोर्चा के यही हाल थे, ऐसे प्रदेशाध्यक्ष बनाए गए जिनकी कार्यकर्ताओं पर पकड़ ही नहीं थी। जिनका अपना कोई जनाधार भी नहीं था। कई तो आज तक पूरे जिलाध्यक्षों को भी नहीं पहचानते। लेकिन, अब चुनाव नजदीक है और युवा मोर्चा पर सारा दारोमदार युवाओं को आकर्षित करने का है। खासकर व्यापमं जैसे घोटाले के कारण भाजपा और शिवराज सरकार से नाराज युवाओं को भाजपा के प्रति आकर्षित करने की जिम्मेदारी युवा मोर्चा की ही होगी। ऐसे में युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसको लेकर अटकलें और कयास का दौर शुरू हो गया है। संगठन को एक ऐसे युवा नेता की जरूरत है, जो प्रदेश में युवाओं को भाजपा के साथ रखने और वोटों में तब्दील रखने का माद्दा रखता हो। भाजपा सूत्रों की मानें तो संगठन ने युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के दावेदारों पर विचार विमर्श शुरू कर दिया है और जल्द ही वो फैसला कर लेगा, कि मिशन 2018 के लिए युवा मोर्चा का दारोमदार किसके कंधों पर होगा।