भोपाल। टायपिंग और स्टेनो परीक्षा में पैसा देकर पास होने और सरकारी नौकरी पाने वाले करीब 300 संदिग्धों के खिलाफ एसटीएफ जल्द जांच शुरू करेगी। डीपीआई के अधिकारियों व दलालों के खिलाफ चार्जशीट पेश कर चुकी एसटीएफ ने हाल ही में ऐसे 17 लोगों की सूची तैयार की थी, जिन्होंने फर्जी तरीके से नौकरी पाई। सूत्रों की मानें तो एसटीएफ के पास ऐसे करीब 300 अन्य प्रकरण हैं, जो टायपिंग और स्टेनो परीक्षा फजीर्वाड़े से जुड़े हैं। इधर जिन 17 आरोपियों के नाम उजागर हुए हैं, उनकी गिरफ्तारी इस सप्ताह शुरू हो सकती है।
ज्यादातर कोर्ट और पुलिस विभाग में पदस्थ
इस मामले में ज्यादातर आरोपी कोर्ट और पुलिस विभाग में पदस्थ हैं। एसटीएफ ने टायपिंग और स्टेनो परीक्षा पास करीब 600 लोगों की सूची तैयार की है, जो सरकारी दफ्तरों में काम कर रहे है। इनमें से करीब 300 एसटीएफ के शक के घेरे में हैं, जिन्हें लेकर आशंका है कि उन्होंने फर्जी मार्कशीट लगाकर सरकारी नौकरी हासिल की।
विभागों से लेंगे जानकारी
एसटीएफ सूत्रों के अनुसार जिन विभागों में ये 300 लोग कार्यरत हैं, उन्हें पत्र भेजकर जानकारी मांगी जाएगी कि नौकरी के दौरान इन लोगों ने कौन-कौन से सर्टिफिकेट जमा किए। इससे पता लगाया जाएगा कि अभ्यर्थी ने स्टोनो या टायपिंग की जो मार्कशीट लगाई है, वो फर्जी तरीके से बनवाई गई थी या नहीं।
टायपिंग स्टेनो परीक्षा में पैसे देकर पास होने और फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले चार आरोपियों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अब हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। मालूम हो कि मामले में छह आरोपियों ने पहले ही भोपाल जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, जो खारिज हो चुकी है। इसके बाद उन्हीं में से चार ने अब हाईकोर्ट का रुख किया है। जो आरोपी हाईकोर्ट पहुंचे हैं, उनमें जिला न्यायालय भोपाल में पदस्थ दो स्टेनोग्राफर शेख इबराना (जहांगीराबाद, भोपाल) और वीरेश शर्मा (मुरैना) सहित दमोह जिला न्यायालय के अतीकुर्रहमान (स्टेनोग्राफर) और सिवनी जिला कोर्ट में ड्राइवर रमेश कुमार गौतम शामिल है। इस फजीर्वाड़े में एसटीएफ की शुरूआती जांच में कुल 17 आरोपियों के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने फर्जी तरीके से परीक्षा पास की और फर्जी तरीके से नौकरी भी हासिल की। मामले की सुनवाई 24 जून को काशीनाथ सिंह की अदालत में हुई थी, जिसमें जज ने आरोपों को गंभीर मानते हुए आरोपियों की अग्रिम जमानत नामंजूर कर दी थी।