नईदिल्ली। राज्य सेवा परीक्षा-2012 की प्रक्रिया रद्द करने की मांग सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। मामले में दायर एक याचिका पर सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश सरकार और लोक सेवा आयोग (पीएससी) को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है। एसटीएफ से भी केस की स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा गया है।
इंदौर के मुकेश राणे और अवधेश पाठक ने याचिका दायर करते हुए पूरी प्रक्रिया को दोषपूर्ण बताते हुए रद्द करने की मांग की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील विवेक तन्खा और अभिनव धानोतकर ने कोर्ट में पक्ष रखा कि 2012 में जारी इस परीक्षा के प्रारंभिक और मुख्य दोनों के पर्चे लीक हुए थे।
दिल्ली क्राइम ब्रांच और एसटीएफ ने पेपर लीक करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार भी किया। केस कोर्ट में लंबित है। जिम्मेदार स्वीकार कर रहे हैं कि पर्चा बेचने वाले गिरोह के संपर्क में आए उम्मीदवार पास होकर चयन सूची में शामिल हो गए।
इसके बावजूद इस दोषपूर्ण प्रक्रिया को निरस्त करने की बजाय प्रक्रिया को जारी रखा जा रहा है। कोर्ट में पिछले साल हुई ऑल इंडिया प्री-मेडिकल परीक्षा का उदाहरण रखा गया, जिसके पेपर लीक होने के कारण कोर्ट ने परीक्षा रद्द करने के आदेश दिए थे।
अटक सकता है इंटरव्यू
इससे पहले पीएससी-2012 पर लगी याचिकाएं हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थीं। पेपर निरस्त होने की बात जाहिर होने के बाद भी पीएससी ने हाई कोर्ट के आदेश के मद्देनजर इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
एक जुलाई से इंटरव्यू शुरू हो चुके हैं। पीएससी सितंबर तक इंटरव्यू में चयनित उम्मीदवारों को पदों पर नियुक्ति के आदेश भी जारी कर देगा। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने से अब इंटरव्यू का दौर खटाई में पड़ सकता है।