हवा हुआ मिनिमम गवर्मेंट का नारा, मनमोहन ने बड़ा मोदी मंत्रीमण्डल | National Political News

Bhopal Samachar
नईदिल्ली। मोदी सरकार ने मिनिमम गवर्मेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस के नारे के साथ काम शुरू किया था। अर्थ था, छोटे मंत्रीमंडल के साथ ज्यादा काम का टारगेट परंतु पहले ही विस्तार में यह नारा हवा हो गया। मोदी मंत्रीमंडल की 97 प्रतिशत सीटें भर दी गईं। यह मनमोहन के मंत्रीमंडल से भी ज्यादा है। मोदी सरकार में अब मंत्रियों की संख्या 80 हो गई है जबकि अधिकतम क्षमता 82 है। एक और गौर करने वाली बात यह कि मोदी के 80 मंत्रियों में 12 उत्तरप्रदेश से आते हैं। 

मनमोहन सिंह के नेतृत्‍व वाली यूपीए-2 सरकार में 78 मंत्री थे। 2014 के चुनावों ने पीएम मोदी ने मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गर्वनेंस का नारा दिया था। नए मंत्रियों में चंदौली से सांसद महेंद्र पांडे (ब्राह्मण), शाहजहांपुर से सांसद कृष्‍णा राज (दलित) और मिर्जापुर से अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल(कुर्मी-ओबीसी) शामिल हैं। ये तीनों पहली बार सांसद चुने गए हैं। वर्तमान में यूपी से पांच कैबिनेट, तीन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) और चार राज्‍य मंत्री हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 71 और अपना दल ने 2 सीटें यानि एनडीए को 80 में से 73 सीटें मिली थीं। 

यूपी से दलित, ओबीसी और ब्राह्मण मंत्री
मंत्रिमंडल विस्‍तार में यूपी से और मंत्री बनाए जाने की संभावना लग भी रही थी। क्‍योंकि अगले साल यहां पर चुनाव होने हैं और इस लिहाज से भाजपा ने सामाजिक स्थिति को ध्‍यान में रखते हुए मंत्रियों को चुना है। पिछले महीने की 13 तारीख को जब उन्‍होंने इलाहाबाद में परिवर्तन रैली को संबोधित किया था उस समय कहा था, ”मंच देखकर लगता होगा कि केंद्र सरकार में यूपी का कितना दबदबा है।” इससे पहले सहारनपुर रैली में कहा था, ”मैं यूपी वाला हूं और यूपी से सांसद हूं।” मोदी वाराणसी से सांसद हैं। मंत्रिमंडल विस्‍तार में सामाजिक प्रतिनिधित्‍व को देखे तो कृष्‍णा राज दलित हैं। उन्‍हें बसपा के वोट बैंक में सेंध लगाने के तहत शामिल किया गया है। वह दो बार विधायक रह चुकी हैं। अनुप्रिया पटेल ओबीसी चेहरा हैं। उनके पिता सोन पाल पटेल ने अपना दल का गठन किया था। 2012 में उन्‍होंने रोहणिया से विधानसभा चुनाव लड़ा था जिसमें जीत मिली थी। आम चुनावों में भाजपा के साथ गठबंधन कर वह सुर्खियों में आई थीं। अनुप्रिया के जरिए भाजपा सपा में गए बेनी प्रसाद वर्मा से टक्‍कर लेना चाहती है। बेनी वर्मा भी कुर्मी समाज से हैं। इधर, महेंद्र पांडे के जरिए भाजपा ब्राह्मणों को जोड़ना चाहती है। पांडे कल्‍याण सिंह और राजनाथ सिंह के मुख्‍यमंत्री काल में यूपी में मंत्री थे। 

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