
जिन फर्जी अतिथि शिक्षकों को प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में बतौर अतिथि शिक्षक सेवाएं देना दर्शाया जा रहा है उस शाला में उनका किसी भी प्रकार का कोई भी कागजी रिकार्ड तक नहीं है। यहां तक कि उस नाम के किसी अतिथि शिक्षक को शाला के प्रधानाध्यापक और संकुल प्राचार्य सहित कोई जानता तक नहीं है।
गौरतलब है कि संकुल मोहन्द्रा के अंर्तगत आने वाले बिभिन्न स्कूलों में कुल 37 अतिथि शिक्षक अपनी सेवायें दे रहे है। पर जब राज्य सरकार के एजुकेशन पॉर्टल पर देखा गया तो वहां मोहन्द्रा संकुल में कुल 45 अतिथि शिक्षकों की भर्ती दिखाई गई। एजुकेशन पॉर्टल पर उपरोक्त सभी 45 अतिथि शिक्षकों का माह अगस्त से दिसंबर 2015 तक का 16 हजार रु के लगभग भुगतान होना भी दर्शाया गया है। पूरा आहरण अमानगंज डीडीओ संतोष शर्मा के हस्ताक्षरों से हुआ।
मजेदार बात यह है कि इस कांड का खुलासा होते ही 3 फरवरी के बाद मोहन्द्रा संकुल में 45 अतिथि शिक्षकों की जगह 38 अतिथि शिक्षकों की लिस्ट प्रदर्शित होने लगी। इस पूरे प्रकरण के मास्टर मांइड शा0 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के लिपिक गोविंद बर्मन बताए जा रहे हैं परंतु फर्जीवाड़े की पोल खुलने के दूसरे दिन से ही लिपिक गोविंद वर्मन अपनी बीमारी का बहाना बनाकर स्कूल नहीं आ रहे और जबाब देने से बच रहे है।
कहां कौन और कितने फर्जी अतिथि शिक्षक
मा0शा0 सिंगवारा- 02, (लक्ष्मी और नेहा)
मा0शा0 आनंदपुरा- 01(सोनम खरे)
मा0शा0 अधराड़ी- 01(रोजी)
मा0शा0 कढ़ना- 01(कौषल्या अहिरवार)
मा0शा0 कोठी-02(लक्ष्मी गौतम और नंद किशोर गुप्ता)
मा0शा0 बेलडावर-01(रमेश सिंह)