इंदौर। शायद यह देशभर के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि सरकार द्वारा विकसित किए गए मकानों में एक ही तरह के मकानों की कीमतें 2 प्रकार की रखी गईं हैं। यदि आप आरक्षित वर्ग से हैं तो आपको 5.5 लाख रुपए का स्पेशल डिस्काउंट मिलेगा लेकिन यदि आप सवर्ण हैं तो आपको 5.5 लाख रुपए ज्यादा चुकाने होंगे। इससे पहले तक कुछ निर्धारित संख्या में मकान जाति विशेष के लिए आरक्षित कर दिए जाते थे परंतु इस तरह का स्पेशल डिस्काउंट कभी नहीं दिया गया।
शिवराज सिंह के दलित प्रेम के चलते इंदौर में आईडीए ने आरक्षित श्रेणी के खरीदारों को 'विशेष छूट" दी है। स्कीम 134 के आरक्षित वर्ग के रोहाउस की कीमत 22.23 लाख से घटाकर 16 लाख 67 हजार 250 रुपए कर दी गई है लेकिन सामान्य श्रेणी के लिए कीमत पहले की तरह 22.23 लाख ही रखी गई है।
नहीं बिके, इसलिए कम की कीमत
54 वर्गमीटर में बने ये रोहाउस 6-7 साल पुराने हैं और बार-बार टेंडर डालने के बाद भी ये नहीं बिक सके। इस बार फिर 42 रोहाउस के लिए टेंडर निकाले गए हैं। इनमें सामान्य श्रेणी के पांच, कर्मचारी कोटे का एक और शेष 36 आरक्षित श्रेणी के लिए हैं। इनमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, स्वतंत्रता सेनानी, पूर्व सैनिक और विकलांग कोटा शामिल है। सामान्य वर्ग के दो रोहाउस दूसरे टेंडर में बिके थे, लेकिन आरक्षित वर्ग के नहीं बिके। इसलिए इनकी कीमत कम कर दी गई है।
आईडीए के जिम्मेदार बोले- नियम अनुसार हुई प्रक्रिया
आरक्षित वर्ग के रोहाउस सस्ते करने के सवालों पर आईडीए बोर्ड नियमों का हवाला दे रहा है। उपाध्यक्ष ललित पोरवाल ने बताया आरक्षित वर्ग के लिए रखे गए रोहाउस तीन टेंडर के बाद भी नहीं बिकते हैं तो कीमत कम की जा सकती है। सब कुछ नियमों के तहत हुआ। संचालक विजय मलानी का कहना है तीन बार में प्रॉपर्टी नहीं बिकती है तो 25 प्रतिशत कम की जा सकती है। इस मामले में नियमों का पालन हुआ या नहीं, यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकता है।