
राजबब्बर को प्रदेश अध्यक्ष की कमान देने के साथ ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री को प्रदेश स्तर की छानबीन समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। राजाराम पाल प्रदेश उपाध्यक्ष होंगे। हालांकि प्रियंका गांधी के सवाल पर गुलाम नबी आजाद ने चुप्पी साध ली, लेकिन राजबब्बर को यूपी का वाशिंदा बताकर जरूर उन्होंने विपक्ष को चुप करवाने की कोशिश की।
आज़ाद ने कहा कि राजबब्बर यूपी में राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं। वे बाहर के कैंडिडेट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार समिति का ऐलान बाद में होगा। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की भूमिका को लेकर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जहां जरूरत होगी, वहां उनका उपयोग किया जायेगा।
बताया जा रहा है कि राजब्बर को अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने युवा और बुजुर्ग दोनों पर डोरे डालने की कोशिश की है। अपने जमाने के स्टार रहे राजबब्बर का जलवा आज भी कायम है। अब देखना यह होगा कि अगले साल के यूपी विधानसभा चुनाव में वह पार्टी को राज करने का मौका दिला पाते हैं या नहीं।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राजबब्बर का यूपी से पुराना नाता रहा है। राजबब्बर यूपी से सांसद रहे हैं। एक सवाल का जवाब देते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यूपी में कांग्रेस का कोई न कोई सीएम कैंडिडेट जरूर होगा।
गौरतलब है कि कल ही निर्मल खत्री ने यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद से इसकी अटकलें लग रही थी कि आखिर कौन यूपी कांग्रेस का अध्यक्ष होगा।
आज यूपी कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राजबब्बर के नाम का ऐलान यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कर दिया।