नई दिल्ली। इन दिनों एक बेवसाइट रेंट ए फ्रेंड डॉट कॉम की चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि इस बेवसाइट से आप किराए पर दोस्त ले सकते हो। उसके साथ मस्ती-मजाक, डेटिंग आदि कर सकते हो, फिल्म, डेट, डिनर आदि कर सकते हो परंतु सवाल यह है कि क्या यह कारोबार केवल इतने तक ही सीमित है या इसके पीछे प्रोस्टीट्यूशन का कोई हिडन ऐजेंडा भी है। सवाल यह भी है कि क्या बेवसाइट संचालक इस बात को सुनिश्चित कर सकेंगे कि लोग किराए पर दोस्त लेकर उन्हें प्रोस्टीट्यूट की तरह यूज नहीं करेंगे।
एक अंग्रेजी वेबसाइट के अनुसार, रेंटएफ्रेंड वेबसाइट की मेंबरशिप फीस भी है। अत: यह पूरी तरह से एक कारोबार है। मेंबरशिप के लिए 1000 से 1500 रुपए तक फीस रखी गई है। इसमें अलग अलग सेवाओं के लिए अलग अलग कीमतें रखी गईं हैं। दोस्त को फिल्म दिखाने का अलग, दोस्त के साथ पार्क में घूमने का अलग।
इस वेबसाइट के लिए काम करने वाली एक युवती ने बताया कि वह पांच साल पहले दिल्ली में रहने आई थी। अकेलेपन की वजह से उसने इस वेबसाइट से जुड़ने के लिए मन बनाया। युवती ने कहा, 'मैं अपने से बड़े उम्र के लड़के के साथ दोस्ती करना चाहती थी। एक दिन इस वेबसाइट पर हम दोनों की मुलाकात हुई और फिर धीरे-धीरे दोस्ती और बढ़ती गई। पहली बार मिलने पर हम दोनों काफी देरतक चुप बैठे रहे लेकिन फिर बातचीत शुरु हुई तो काफी देरतक चली।'
वेबसाइट का दावा है कि वह केवल लोगों को दोस्ती करने के लिए आपस में मिलवाती है। साइट से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, 'हम कोई डेटिंग वेबसाइट नहीं हैं और न ही कोई एस्कॉर्ट सर्विस वेबसाइट। यह केवल लोगों को दोस्ती करने के लिए आपस में मिलवाती है।
लेकिन सवाल यह है कि क्या वो अपने कार्यक्रम में किसी भी प्रकार से यह सुनिश्चित करते हैं कि उनकी सेवाओं का उपयोग एस्कॉर्ट या प्रोस्टीट्यूशन के लिए नहीं किया जाएगा। क्या उनके द्वारा मिलवाए गए दोस्त दायरे के भीतर ही रहेंगे। उनके लिस्टेड मेंबर्स रेप या अश्लील छेड़छाड़ जैसी हरकतें नहीं करेंगे, जबकि पीड़ित उनकी बेवसाइट पर विश्वास करके ही आगे बढ़ रहा होगा।