सतना हॉस्टल में लड़कियों की तस्करी, लड़कियों भागकर बचाई इज्जत | Satna News

Bhopal Samachar
सतना। यहां नारी निकेतन में लड़कियों की तस्करी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि वार्डन ने एक अनाथ लड़की को 1.75 लाख में बेच दिया था। इससे पहले पीड़िता का रेप करने के लिए एक युवक को भेजा गया परंतु लड़कियों ने बलात्कारी युवक पर हमला कर दिया और वो बच गईं। 

सतना स्थित नारी निकेतन से शुक्रवार को भागीं दो लड़कियों के मिलने के बाद सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इन लड़कियों ने दमोह पहुंचकर एसडीएम कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराए। उन्होंने आरोप लगाया कि, वार्डन उन्हें बेचने की तैयारी कर चुकी थीं। हालांकि दमोह पुलिस ने वार्डन को सूचित करके दमोह बुलाया है।

18-19 साल की दो लड़कियां शुक्रवार शाम को नारी निकेतन से भाग निकली थीं। वहां से वे जबलपुर पहुंचीं। अंजू दमोह जिले के हरपालपुरा गांव(पटेरा) की रहने वाली है, जबकि मंजू यूपी के चित्रकूट की। अंजू ने जबलपुर पहुंचकर अपने परिजनों को आपबीती बताई। शनिवार सुबह लड़की के परिजन जबलपुर पहुंचे और दोनों को दमोह ले आए। यहां एसडीएम कोर्ट में दोनों के बयान हुए।

एक का 50 तो दूसरी का 1.75 लाख में हुआ था सौदा
पीड़िताओं ने एसडीएम को बताया कि इस समय हॉस्टल में सिर्फ वे दोनों अकेली लड़कियां थीं। वॉर्डन स्नेहलता श्रीवास्तव और अर्चना श्रीवास्तव दिन में हॉस्टल का ताला डालकर रखती थीं, जबकि रात में दरवाजे तक बंद नहीं करने देती थीं। हॉस्टल में अकसर लड़कों की आवाजाही होती थी। उन्होंने वार्डन को कई बार उन लड़कों से कहते सुना कि,'रात को दरवाजा खुला मिलेगा, जो मन करे, वो कर करना।'

हंसिया मारकर भागीं लड़कियां
पीड़िता के मुताबिक,'कुछ दिन पहले रात में एक लड़का हॉस्टल में उनके कमरे में घुस आया। वह दूसरी लड़की के साथ जोर-जबर्दस्ती करने लगा। इज्जत बचाने की खातिर उसने लड़के के हाथ में हंसिया दे मारा। दोनों बाथरूम में जाकर दो घंटे छुपी रहीं। इस घटना के बाद वे काफी डर गई थीं। इस बीच उन्होंने सुना कि, वार्डन ने मंजू को 50 हजार, जबकि उसे 1.75 लाख रुपए में बेचने की तैयारी कर ली थी।

महिला सफाईकर्मी ने बचाया
लड़कियों के मुताबिक, हॉस्टल में काम करने वाली महिला सफाई कर्मचारी शायद समझ गई थी कि कुछ बड़ी गड़बड़ होने वाली है, इसलिए उसने रात को मुख्य गेट पर ताला खुला छोड़ दिया। मौका पाकर वे दोनों वहां से भाग निकलीं।

दोनों नारी निकेतन कैसे पहुंची
एक पीड़िता 20 जून को अपने प्रेमी भूपेंद्र के साथ दिल्ली भाग गई थी। वहां 8-10 दिन रहने के बाद दोनों वापस दमोह आ गए थे। पीड़िता ने आॅनर किलिंग के डर से घर जाने से मना कर दिया था। लिहाजा पुलिस ने उसे सतना नारी निकेतन भेज दिया था।
दूसरी पीड़ित लड़की अनाथ है। उसे सतना पहुंचकर पुलिस से गुजारिश की थी कि, वे परेशान है, उसके रहने-खाने का इंतजाम कर दिया जाए। सतना पुलिस ने उसे भी नारी निकेतन भेजा था।
इनपुट: रवि आरेख, पत्रकार, सतना

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