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क्यों हो रही है रिकाउंटिंग : स्मार्ट सिटी प्लान में यह क्लियर करना है कि प्रोजेक्ट स्पेस में कितने और किसके पेड़ थे जिनको हटाया या काटा गया। उसकी एवज में कंपनी कहां कहां पर कितनी जगह पर प्लान्टेशन के लिए जगह निकालेगी और उसको करेगी। इससे पहले कंपनी के सदस्यों ने साइट विजिट की और पेड़ व क्वार्टरों के फोटो लिए थे। उसके बाद इसमें बीडीए द्वारा कराए गए सर्वे रिपोर्ट को भी परखा गया था।
कंपनी का प्रयास है कि ऐसे पेड़ 50 साल तक पुराने हैं उनको बचाया जाए। इसके लिए अलग से योजना बनेगी ताकि कम से कम पेड़ों को काटा जाए। पिछले दिनों राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने भी इस एरिया में कम से कम पेड़ों को काटने पर बल दिया था। उनका कहना था कि हरियाली को बचाना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि कम स्पेस में अधिक से अधिक मकान बनाए जाएं।