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संबंधित मामले को 719 करोड़ का लोन घोटाला कहा गया परंतु जांच में सबकुछ साफ होता चला गया। कुछ नए पुराने हिसाब किताब को मोहंती के सिर पर मढ़ दिया गया और यह मामला बना लिया गया। आईएएस मोहंती ने इस मामले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। मप्र हाईकोर्ट आईएएस मोहंती की ओर से पेश की गईं दलीलों से संतुष्ट हुआ और उनके खिलाफ जारी की गई अभियोजन मंजूरी को ही खाजिर कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि यह मामला आईएएस मोहंती के खिलाफ रची गई एक साजिश थी जो उन्हे तंग करने के लिए थी। एक गलत दिशा में हुई जांच के कारण मामला बिगड़ता चला गया और पॉलिटिकल प्रेशर के चलते सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनके खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे दी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।