हजारी लाल/मुनेंद्र शर्मा/होशियारपुर। पंजाब के होशियारपुर निवासी 67 वर्षीय रिटायर्ड शिक्षक जय किशन गौतम एक अनूठे मिशन पर हैं। वह नए मंदिर बनाते हैं और पुरानों का जीर्णोद्धार करते हैं। 28 सालों में वह पंजाब व राज्य से बाहर 50 मंदिर बनवा चुके हैं और 12 का कायाकल्प कर चुके हैं। इनमें सभी देवी-देवताओं के मंदिर शामिल हैं। इसके अलावा दो गुरुद्वारों का भी जीर्णोद्धार कर चुके हैं।
कस्बा गढ़दीवाला निवासी जय किशन ने बताया कि कस्बे में राम मंदिर की खराब हालत बहुत खराब थी। मन में विचार आया कि लोग घर बनाने के लिए इन्हीं मंदिरों में प्रार्थना करते हैं। इंसान प्रार्थना करता है कि उसका आलीशान मकान हो, लेकिन मंदिरों को ठीक करने के लिए कोई कदम नहीं उठाता। यही सोचकर 1988 में उन्होंने कस्बे के राम मंदिर के जीर्णोद्धार की ठानी।
गुरु ने दिखाया रास्ता
मंदिर के निर्माण का काम शुरू हुआ, तो धन की बाधा आई। वह अपने गुरु के स्थान हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला गए। गुरु महंत लक्ष्मीधर शास्त्री ने उनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि तुम एक नहीं, अनेक मंदिर बनाओगे। मास्टर जय किशन ने बताया कि गुरु के आशीर्वाद के बाद उन्होंने अपने संकल्प पर काम शुरू किया। मंदिरों के निर्माण में धन की मदद भी मिलने लगी। वह कहते हैं कि अंतिम सांस तक वह इस मिशन में जुटे रहेंगे। वे धर्मशाला में भी दो मंदिरों का निर्माण करवा चुके हैं।
अब लोग खुद बुलाते हैं
आसपास के गांवों में अगर किसी को भी मंदिर का निर्माण करना हो तो वे सबसे पहले मास्टर जय किशन गौतम से ही संपर्क करते हैं। इसके बाद मंदिर बनाने की सारी जिम्मेदारी उन्हें सौंप दी जाती है। उनकी जिम्मेदारी केवल मंदिर निर्माण तक ही सीमित नहीं रहती, बल्कि मंदिर में स्थापित की जाने वाली मूर्तियां लाने व उनकी प्राण प्रतिष्ठा का काम की वही संपन्न करवाते हैं। इस नेक काम में विदेश से भी मदद मिलने लगी है। मंदिर के साथ-साथ वह सराय बनाने के काम में भी जुटे हैं।