मऊ। उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने में पूर्वांचल बेहद अहम रोल निभाता आया है। पूर्वांचल की सीटें सभी दलों के लिए बेहद अहम होती हैं। पूर्वांचल की सीटें जीतने के लिए ही सपा ने माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का सपा में विलय करने का फैसला किया था, जिसे बाद में सीएम अखिलेश यादव के दवाब में निरस्त कर दिया गया। अब भाजपा पूर्वांचल में बड़ा दांव खेलने जा रही हैं।
नौ जुलाई को मऊ जिले के रेलवे मैदान में भारतीय समाज पार्टी की ओर से आयोजित अति पिछड़ा अति दलित महापंचायत में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित साह का आगमन हो रहा है। भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की मानें तो इस कार्यक्रम में भाजपा और भासपा के बीच गठबंधन होगा।
ओमप्रकाश राजभर के मुताबिक गठबंधन में पूर्वांचल की 150 सीटों में से 22 सीटों पर भासपा चुनाव लड़ेगी। बाकी सीटों पर भासपा, भाजपा प्रत्याशियों का समर्थन करेगी। अति पिछड़ा अति दलित महापंचायत कार्यक्रम के बारे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बताया कि इस कार्य़क्रम में 9 जुलाई को भाजपा से गठबंधन होगा।
बताते चलें कि पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय समाज पार्टी और बाहुबली मुख्तार अंसारी के कौमी एकता दल के बीच गठबंधन हुआ था, लेकिन अब भासपा ने मुख्तार की पार्टी से रिश्ता तोड़ने का ऐलान किया है।
ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि राजनीति में न किसी का कोई दोस्त है और न ही कोई दुश्मन। राजभर ने कहा कि हमारी पार्टी ने बीजेपी से 39 सीटें मांगी थी, लेकिन 22 सीटों पर बात बन गई है। राजभर ने कहा कि हमारी मांग है कि पूर्वांचल को अलग राज्य बनाया जाए।