लखनऊ। उत्तरप्रदेश में चुनावी जमावट के चलते अनफिट हुए प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंपा। माना जा रहा है कि आज कल में ही नए अध्यक्ष का ऐलान भी हो जाएगा। कांग्रेस के रणनीतिकार पीके यूपी में 'बम' पर फोकस कर रहे हैं। 'बम' का अर्थ यहां ब्राह्मण और मुसलमान से है, जबकि भाजपा यहां दलित कार्ड खेलने के मूड में है।
कांग्रेस प्रदेश कमेटी में बदलाव होने की अटकलों में बीच प्रदेश अध्यक्ष डा. निर्मल खत्री ने सोमवार शाम को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। प्रदेश में कांग्रेस के नए प्रभारी गुलाम नबी आजाद के बाद पद भार संभालने के बाद से ही निर्मल खत्री के इस्तीफा देने की खबरें तेज हो गई थीं। आजाद के पद संभालने के दौरान भी खत्री गायब रहे थे।
दिल्ली गए खत्री ने स्वास्थ्य खराब होने की वजह बताते हुए पद को छोडऩे की इच्छा व्यक्त की। खत्री से इस बावत मोबाइल फोन पर संपर्क साधने की कोशिश भी की गयी लेकिन बात नहीं हो सकी। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ 'पीके' ने नये प्रदेश अध्यक्ष के लिए किसी ब्राह्मण चेहरे का नाम सुझाया है।
इस रेस में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के साथ राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी और वाराणसी से पूर्व सांसद राजेश मिश्रा का नाम सबसे आगे है।
प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को अपने परम्परागत वोट बैंक ब्राह्मण और मुस्लिम (बम) पर फोकस करने का सुझाव दिया था। इस सलाह पर पार्टी ने अमल किया और गुलाम नबी आजाद को यूपी कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया।जिसके बाद से ही मीडिया में निर्मल खत्री के इस्तीफे को लेकर चर्चा थी।
अगर सब कुछ प्रशांत किशोर की रणनीति के मुताबिक चला तो राजेश मिश्रा को कांग्रेस की कमान मिलना तय माना जा रहा है। हालांकि जितिन प्रसाद और प्रमोद तिवारी भी इस रेस में बने हुए हैं।