आगरा। इंडियन रेडियोलॉजीकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन के बैनर तले देश भर के रेडियोलॉजिस्ट एक सितंबर को हड़ताल पर रहेंगे। पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के तहत बेवजह ईमानदार डॉक्टरों को परेशान किए जाने व एक्ट में लंबे समय से संशोधन के लिए की जा रही मांगों को पूरा न करने के विरोध रेडियोलॉजिस्ट देशभर के रेडियोलॉजी सेंटर बंद रखेंगे।
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. भूपेंद्र आहूजा ने बताया कि पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के कठोर प्रावधानों के बावजूद पूरे भारत में सभी रेडियोलॉजिस्ट इसका पालन करते हैं। लेकिन कई ईमानदार रेडियोलॉजिस्ट लिंग निर्धारण से कोई संबंध न होने पर भी मामूली त्रुटियों की वजह से अपराधी बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि एक सितंबर को देश भर के सभी अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्केन सेंटर बंद रहेंगे। इसके बाद भी मांगें न मानें जाने की स्थिति में 2 सितंबर से देश भर के अल्ट्रासाउंड सेंटर अनिश्चितकालीन बंद रहेंगे।
डॉ. आहूजा ने बताया कि गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड करने से पूर्व फार्म एफ भरना अनिवार्य है। जिसमें मरीज की निजी जानकारी से व अल्ट्रासाउंड से संबंधित 26 सवाल हैं। इस फार्म में यदि किसी तरह की त्रुटि रह जाती है तो इसे कानूनी अपराध (कन्या भ्रूण हत्या करने जैसे) माना जाता है। जबकि फोन नंबर, बच्चों की संख्या, पता आदि जानकारी मरीज कई बार खुद ही गलत लिखवा देते हैं। ऐसे कई मामले हैं, जिसमें लिपिकीय त्रुटियों, डॉक्टर के एप्रिन न पहनने, मरीज का फोन नंबंर गलत होने, एक्ट बुकलेट न होने की स्थिति में डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर मशीन को सील कर दिया जाता है। डॉक्टर को अदालत में आपराधिक कार्यवाही का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि 10 से 50 लाख तक की मशीन तीन वर्ष के लिए सील कर दी जाती है। जबकि ऐसे ज्यादातर मामलों के नतीजे डॉक्टरों के पक्ष में हुए हैं। डॉक्टरों को गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड करने पर प्रशासन को ऑनलाइन जानकारी उपलब्ध करानी होती है। साथ ही हार्ड कॉपी के रूप में फार्म-एफ के तहत 26 सवाल भरने के अलावा एक अलग से रजिस्टर भी मैंटेन करना होता है। डॉक्टर डॉक्टरी करें या इन कानूनी उलझनों में उलझे रहें। इस हड़ताल में इंडियन रेडियोलॉजीकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन को फोग्सी व आईएफयूएमवी का भी सहयोग प्राप्त है। आईएमए अध्यक्ष डॉ. जेएन टंडन, एओजीएस की अध्यक्ष डॉ. संतोष सिंघल ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर अपना पूर्ण समर्थन दिया।
मांगें क्या हैं
फार्म एफ में मामूली गलती को क्रिमिनल ऑफेंस न माना जाए।
फार्म एफ में गलती होने पर सीधे रजिस्ट्रेशन निरस्त कर मशीन को सील करने के बजाय पैनल्टी का प्रावधान होना चाहिए।
देश भर में पीसी एंड पीएनडीटी अधिनियम का समान कार्यान्वयन व मानकीकरण होना चाहिए।
मशीन को सील व रिजस्ट्रेशन को निरस्त कोर्ट के डिसीजन के बाद किया जाना चाहिए। न कि फार्म एफ भरने के दौरान हुई मामूली गलती या फिर क्लीनिक पर एक्ट की बुकलेट न होने की स्थिति में।