
मंत्रियों की लिस्ट यथावत है
इसके अलावा सरकार के अऩ्य कैबिनेट और राज्य मंत्रियों के लिए झंडावंदन के लिए जिलों का वितरण किया गया था, जिसमें जयंत मलैया- इंदौर, गोपाल भार्गव- सागर,गौरीशंकर शेजवार- रायसेन, नरोत्तम मिश्रा- रीवा, विजय शाह- बडवानी, गौरीशंकर बिसेन-बालाघाट, उमाशंकर गुप्ता- हरदा, कुसुम मेंहदेले- पन्ना, यशोधरा राजे सिंधियां- शिवपुरी,पारस चंद्र जैन- उज्जैन, राजेन्द्र शुक्ल- शहडोल, अंतर सिंह आर्य- धार, रामपाल सिंह- सीहोर, ज्ञानसिंह- डिंडोरी, मायासिंह- दतिया, भूपेन्द्र सिंह-अनूपपुर, जयभानसिंह पवैया- ग्वालियर, रूस्तम सिंह- मुरैना, ओमप्रकाश ध्रुवे- उमरिया, अर्चना चिटनीस - बुरहानपुर, दीपक जोशी- शाजापुर, लालसिंह आर्य- भिंड, सुरेन्द्र पटवा- देवास, शरद जैन- जबलपुर, विश्वास सारंग- राजगढ, हर्ष सिंह - सीधी, ललिता यादव- छतरपुर, संजय पाठक -कटनी, सूर्यप्रकाश मीणा- विदिशा में झंडा फहराने वाले थे।
कलेक्टर की जगह जिला पंचायत अध्यक्ष
मंत्रियों के अलावा प्रदेश के 19 जिले ऐसे बच रहे थे, जिनमें जिला कलेक्टर के लिए राज्य सराकर ने झंडावंदन के लिए अधिकृत किया था, लेकिन शाम के बाद सरकार ने अपने इस फैसले में संशोधन करके जिला कलेक्टर के स्थान पर जिला पंचायत अध्यक्ष को झंडावंदन के लिए अधिकृत किया है। अब 19 जिलों में जिला कलेक्टर की जगह जिला पंचायत अध्यक्ष झंडा फहराएंगे। अब श्योपुर, गुना, अशोकनगर, आगर-मालवा, नीमच, नरसिंहपुर, अलीराजपुर, झाबुआ, खरगोन, रतलाम, बैतूल, टीकमगढ, छिंदवाडा, मंडला ,सिंगरौली, शहडोल,दमोह, खंडवा और सिवनी में जिला कलेक्टर की जगह जिला पंचायत अध्यक्ष झंडा फहराएंगे।
परंपरा बदल गई
अभी तक परम्परा थी कि जिन जिलों में मंत्री झंडावंदन नहीं करते थे। उन जिलों में जिला कलेक्टर झंडावंदन करते थे, लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि सरकार ने ऐसे जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए झंडावंदन के लिए अधिकृत किया है। इसके फैसले को सरकार के पंचायत प्रतिनिधियों के आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है।