
सुब्रत राय 2 साल तक तिहाड़ जेल में रहने के बाद 6 मई से पेरोल पर रिहा हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अपनी मां की मौत के बाद अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पेरोल पर रिहा किया था। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पेरोल अवधि 3 अगस्त तक के लिए बढ़ाई।
तीन अगस्त के बाद उनकी पेरोल अवधि 16 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट की शर्तों के मुताबिक अगर सुब्रत राय 16 सितंबर तक रकम जमा नहीं कराते हैं तो उन्हें दोबारा तिहाड़ जेल जाना पड़ेगा। हालांकि सुब्रत राय के वकील ने कहा कि कोर्ट के रिकॉर्ड में ये दर्ज नहीं किया जाए कि अगर तीन सौ करोड़ जमा नहीं किया गया तो उन्हें तिहाड़ जेल जाना होगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया।
सुब्रत राय निवेशकों का पैसा नहीं लौटाने के मामले में कोर्ट की अवमानना के आरोप में दो साल से ज्यादा समय से जेल में बंद थे। कोर्ट ने कहा था कि उन्हें तभी जमानत पर रिहा किया जा सकता है। जब वे दस हजार करोड़ रुपये सेबी के पास जमा करवायें। हालांकि कोर्ट ने राहत देते हुए उन्हें पांच हजार करोड़ की बैंक गारंटी देने की छूट दे दी थी।