इंदौर। दसवीं की होनहार छात्रा की कॉपी जांचने में हुई लापरवाही पर कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा मंडल पर एक लाख रुपए जुर्माना लगाया। आदेश दिया कि यह रकम छात्रा के नाम से फिक्स डिपॉजिट कराई जाए।
महू की न्यू कॉलोनी निवासी खुशबू पिता मुकेश कायस्थ को दसवीं में सभी विषयों में अच्छे नंबर मिले लेकिन संस्कृत में सिर्फ 24 अंक दिए गए। उसके पिता ने एडवोकेट उमेश मंदसौरे और केपीएस सुरेश के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट में कॉपी दोबारा जांची गई तो छात्रा के संस्कृत में 60 अंक बढ़ गए।
कॉपी जांचने में हुई इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की कि बोर्ड बताए कि गुरुधर्म क्या है? बोर्ड पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए कोर्ट ने उस जांचकर्ता पर भी तीन साल की रोक लगा दी जिसने छात्रा की कॉपी जांची थी।