भोपाल। हरदा-होशंगाबाद में हुए फसल बीमा घोटाले के 50 से ज्यादा आरोपी फरार हो गए हैं। मामलें में 4 ब्रांच मैनेजर एवं 4 पर्यवेक्षक समेत 61 आरोपी हैं। यह घोटाला 2011 में किया गया था। जो आॅडिट में पकड़ा गया। सभी के खिलाफ मामले दर्ज हैं। 2 गिरफ्तारियां भी हो चुकीं हैं। इसी के साथ शेष सभी आरोपी फरार हो गए।
वर्ष 2011 में खरीफ फसल में नुकसान के बाद किसानों को मिले मुआवजे के समायोजन में आडिट के दौरान घोटाला पकड़ा गया। इसमें हरदा की 48 सोसायटियों में करीब 28 करोड़ रु. के भुगतान में सात करोड़ रु. के गबन होने की आशंका आडिट में जाहिर की थी।
बैंक के अधिकारी-कर्मचारी जुलाई में एक साथ छुट्टी पर गए थे, लेकिन उसके बाद वापस नहीं लौटे। बैंक के आला अधिकारी उनसे संपर्क की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। अब बैंक प्रबंधन का कहना है कि कर्मचारी अचानक अवकाश लेकर गायब हैं, जितने दिन की छुट्टी लेकर गए थे, उसकी अवधि भी खत्म हो चुकी है। उनसे संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं, यदि संपर्क नहीं हुआ तो एक सार्वजनिक सूचना प्रकाशित कर उन्हें पद से हटाने की कार्रवाई करेंगे।
पुलिस सभी फरार आरोपियों को तलाश रही है। घोटाले के 60 आरोपियों में से एक आरोपी हरदा जिले की मसनगांव समिति के सहायक प्रबंधक अखिलेश पाटिल को एक अन्य घोटाले के मामले में हरदा पुलिस ने गिरफ्तार किया और फसल बीमा घोटाले के मामले में भी उनकी गिरफ्तारी दिखा दी। जैसे ही यह जानकारी इस घोटाले में शामिल अन्य अधिकारी-कर्मचारियों को लगी, वे भी डर गए वे अग्रिम जमानत के प्रयास में 11 जुलाई से एक साथ अवकाश लेकर भूमिगत हो गए।
फसल बीमा घोटाले में सभी 60 आरोपियों के खिलाफ हरदा थाने में मामला दर्ज है। वहीं इन्ही लोगों के खिलाफ ईओडब्ल्यू में भी इन्हीं धाराओं के तहत मामला दर्ज है। लंबे समय से दर्ज इस मामले के कुछ आरोपी हरदा जिले में ही सेवाएं दे रहे हैं तो कुछ तबादले के बाद होशंगाबाद जिले में आ गए हैं जबकि दो रिटायर हो चुके हैं और एक तो मौत हो चुकी है।