
घर की श्रेणी के आधार पर उसमें अनाधिकृत रूप से रहने वाले व्यक्ति को 40 से 55 फीसदी अधिक किराया देना होगा। लेकिन तय समय अवधि के बाद दूसरे महीने से लेकर किराये की दरों में 10 फीसदी, 20 फीसदी और हर महीने 10 फीसदी की दर से वृद्धि होती चली जाएंगी। यह वृद्धि बाजार में किराये की दर के अतिरिक्त होगी। और जब तक घर खाली नहीं कर दिया जाता, किराया इसी दर से बढ़ता जाएगा।
शहरी विकास मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय ने एक हालिया आदेश में यह जानकारी दी है। सरकारी आवास को किराये पर उठाने पर यह दरें और अधिक होंगी। ऐसे मामलों में संशोधित किराया दरें पहले महीने के लिए बाजार दर से दो गुनी और उसके बाद प्रत्येक महीने के लिए दस फीसदी, 20 फीसदी, 30 फीसदी और इसी प्रकार बढ़ती जाएंगी।