
बाकी जमीन के लिए संस्था को बाजार दर पर कीमत चुकानी होगी। इसके अलावा अन्य शहरों में 75 प्रतिशत तक जमीन सरकार मुहैया कराएगी। साथ ही एमबीबीएस डॉक्टरों को विशेषज्ञता दिलाने के लिए मुंबई के कॉलेज ऑफ फिजिशियन एंड सर्जन (सीपीएस) से डिप्लोमा कोर्स कराया जाएगा।
ये निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में निर्णय लिए गए। इसकी जानकारी देते हुए जनसंपर्क मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि 10 लाख की आबादी वाले शहर में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल खोलने पर लागत का 25 प्रतिशत या 3 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर में सब्सिडी 5 करोड़ रुपए तक मिल सकेगी।
स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने बताया कि इंदौर में पहले से ही बहुत हॉस्पिटल हैं। वहां जगह भी नहीं है, इसलिए वहां सरकारी जमीन नहीं दी जाएगी। स्वास्थ्य क्षेत्र निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत 30 लाख रुपए तक ब्याज सहायता भी मिलेगी। नर्सिंग कोर्स के पहले तीन सत्र सफलता के साथ चलाने पर 25 हजार रुपए का अनुदान भी दिया जाएगा।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सर्जरी सहित अन्य विशेषज्ञता प्राप्त सुविधाओं को देने के लिए कॉलेज ऑफ फिजिशियन एंड सर्जन (सीपीएस) मुंबई के जरिए एमबीबीएस चिकित्सा अधिकारियों को निश्चेतना, स्त्री रोग, शिशु रोग, जनरल मेडीसिन, रेडियोलॉजी और क्रिटिकल केयर में डिप्लोमा कराया जाए। इससे दो साल बाद 110 विशेषज्ञता प्राप्त डॉक्टर हासिल होंगे। इसके लिए अलग से भर्ती परीक्षा होगा। डिप्लोमा को मध्यप्रदेश मेडिकल कांउसिल मान्यता देगी।