
महिलाओं का कहना है कि पास के गांव समरेठा से कई बार हेल्पलाइन नंबर और ड्राइवर को फोन लगाने के बाद भी जननी एक्सप्रेस वाहन नहीं पहुंचा। जब महिला का दर्द बढ़ने लगा तो कुछ महिलाओं की मदद से उसने जैसे-तैसे छह किमी का रास्ता तय किया। मुख्य मार्ग तक पैदल पहुंचकर गर्भवती महिला को एक ऑटो की मदद से अस्पताल तक पहुंचाया जा सका।
अस्पताल पहुंचते ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया। ऑटो नहीं मिलता तो रास्ते में ही डिलिवरी हो जाती। मामले की जानकारी मिलने के बाद अब सीएमएचओ जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं।