भोपाल। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरूण द्विवेदी एवं महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने आज जारी विज्ञप्ति में बताया कि मध्यप्रदेश में कर्मचारियों की मांगों के प्रति सरकार लगातार असंवेदनशील बनी हुई है। सरकार की संवादहीनता के चलते कर्मचारियों की मांगों का निराकरण नही हो पा रहा है। कर्मचारियों की ज्वलंत मांग सातवें वेतनमान को लेकर भी सरकार खामोश है।
केन्द्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने के आदेश जारी कर दिये है तथा अगस्त माह के वेतन के साथ सातवां वेतनमान एवं जनवरी से जुलाई तक का ऐरियर का एकमुश्त भुगतान भी केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को किया जा रहा है। सातवां वेतनमान के आदेश होने के बाद कई प्रदेश की सरकार जैसे गुजरात एवं गोवा ने भी अपने कर्मचारियों को केन्द्र के समान सातवां वेतनमान देने की घोषणा कर दी है। वहीं छत्तीसगढ सहित अन्य प्रदेश सरकारों ने सातवें वेतनमान का परीक्षण करने के लिये समिति गठित कर दी है। परन्तु मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान शीघ्र दिये जाने की घोषणा के बाद भी कोई कार्यवाही नही होने से प्रदेश के अधिकारी एवं कर्मचारियों में बेचेनी बढ रही है साथ ही असंतोष भी पनप रहा है।
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरूण द्विवेदी एवं महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि संकेत है कि मुख्यमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में कर्मचारियों की कुछ मांगों को पूरा करने के लिये कुछ घोषणा कर सकते है। नेताद्वय ने पत्र प्रेषित कर मांग की है कि मुख्य मंत्री सातवें वेतनमान देने की घोषणा करें जिससे प्रदेश के कर्मचारियों की बेचेनी एवं असंतोष समाप्त हो।