सीधी। यदि प्रशासन मुस्तैद हो तो तबाही रोकी जा सकती है। अपर कलेक्टर एमपी पटेल की सक्रियता से पूरा गांव तबाह होने से बच गया। एसडीएम शैलेन्द्र सिंह ने भी एक गांव को बर्बाद होने से बचाया। दोनों अधिकारियों ने सूचना पर तत्काल कार्रवाई की। सामने खड़ी तबाही से बचे ग्रामीण दोनों अधिकारियों को दुआएं दे रहे हैं।
बता दे की मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर बंदुआ गांव के तालाब की मेड़ भारी बारिश के कारण बहने लगी थी। सैकड़ों साल पूर्व बनाये गये इस तालाब मे गांव के ही एक व्यक्ति ने मेड़ काटकर मकान बना लिया है। उसी के पास मंदिर बनी हुई। वहीं से तालाब के भरने के बाद फूटने की नौबत आ गई थी। इसकी जानकारी प्रभारी अपर कलेक्टर एमपी पटेल को हुई तो गुरूवार की दरमियानी रात दो बजे बेदुंआ पहुच कर फूट रहे तालाब को बंधवाकर नागरिकों की जान माल की रक्षा किये है।
मामले की जानकारी देते हुए अधिवक्ता ओपी तिवारी ने बताया की मंदिर के पास के पिछले हिस्से की मिट्टी खिसकने लगी थी। जिसकी सूचना दी गई थी। प्रशासन तत्पर नही होता तो गांव मे तबाही मच जाती। इसी तरह ग्राम कुर्रवाह में पहाड़ से लगातार आ रहे पानी के बहाव से कुर्रवाह का तालाब पूरी तरह भर गया। जिससे तालाब के फूटने की आशंका बढ़ गई थी लेकिन सूचना पाते ही गोपद बनास के एसडीएम शैलेन्द्र सिंह ने कुर्रवाह तालाब पहुॅचकर ग्रामीणों के सहयोग से पानी के बहाव को दूसरी दिशा में मुड़वा दिया जिसके कारण तालाब फूटने से बच गया।