भोपाल। योजना आर्थिक सांख्यिकी विभाग मप्र में 13 वें आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर एमपी आन लाईन के माध्यम् से 1510 प्रगणकों (सर्वे कर्मचारियों) की नियुक्ति रजिस्टर, जन्म-मृत्यु कार्य, आर्थिक गणना, एनएसएसओ सर्वेक्षण, रोजगार बेराजगार सर्वेक्षण, वेसलाईन सर्वे आदि महत्वपूर्ण कार्यो के लिए की गई थी। विभाग ने विगत वित्तीय वर्ष 31 मार्च 2015 को सभी प्रगणकों की संविदा अवधी नहीं बढ़ाई और कहा गया कि आपकी सेवाएं समाप्त की जाती है।
विगत वर्ष 31 मार्च 2015 में सेवा समाप्ति के पश्चात् प्रगणकों ने धरना प्रदर्शन, आंदोलन, मंत्री के बंगले का घेराव किया था जिसके पश्चात् योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग द्वारा संविदा अवधि वृद्वि की नस्ती म.प्र. शासन और वित्त विभाग को भेजी गई थी । विभाग द्वारा नस्ती में यह भी उल्लेख किया गया था कि योजना आर्थिक साख्ंियकी विभाग को इन प्रगणकों की आवश्यकता है क्योंकि इनके नहीं होने से विभाग का काफी काम प्रभावित हो रहा है । जिसके कारण इनकी संविदा अवधि बढ़ाई जाए । इस नस्ती को चलते हुये एक वर्ष हो गये हैं, म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के बैनर तले आंदोलन कर रहे प्रगणक लगातार मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, विभागीय आयुक्त एवं मंत्री को ज्ञापन देते रहे हैं । लेकिन एक वर्ष होने के बाद भी अभी तक आदेश जारी नहीं हुये जिससे प्रदेश के 1510 प्रगणकों में आक्रोश व्याप्त हो गया है । जिसके कारण योजना आर्थिके सांख्यिकी विभाग के प्रगणकों ने नीलम पार्क में 8 अगस्त से अनिश्चित कालीन धरना आंदोलन प्रारंभ कर दिया है । धरना आंदोलन के तीसरे दिन प्रगणकों ने मौन धरना दिया तथा सरकार के वादा खिलाफी के खिलाफ उपवास रखा ।
संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि अभी सरकार को धरने के माध्यम् से चेतावनी दी जा रही है कि यदि प्रगणकों की संविदा बहाली और संविदा वृद्वि के आदेश शीध्र जारी नहीं किये गये तो महासंघ के बैनर तले आमरण अनशन और भूख हड़ताल पर बैठेंगें । जिसकी जिम्मेदारी म.प्र. सरकार और विभाग के मुखिया की होगी ।