बिजावर/छतरपुर। सरकारों के दलित प्रेम (आरक्षण) के चलते समान्य वर्ग किस तनाव से गुजर रहा है। यह मामला इसका जीवंत उदाहरण है। पुलिस चौकी जटाशंकर थाम के प्रभारी अधिकारी एसआई रामेश्वर प्रसाद त्रिपाठी ने अपने बेटे को सरकारी नौकरी दिलाने के लिए रिटायरमेंट से ठीक 2 साल पहले खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया। एक पिता अपनी संतान के अच्छे भविष्य के लिए जीवन भर अपनी हड्डियाँ तो गलाता ही है। यहां इस इंसान ने मौत को भी गले लगा लिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के ग्राम खजराहा निवासी सब इंस्पेक्टर रामेश्वर प्रसाद त्रिपाठी (58)लगभग दो वर्ष से जटाशंकर धाम में स्थित पुलिस चौकी में प्रभारी के पद पर तैनात थे। शनिवार की रात करीब 11.30 बजे तक उन्होंने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ टीवी पर सीरियल आदि देखे इसके बाद वह सोने को चले गए।
रोजाना जल्द सुबह उठकर घूमने जाने वाले चौकी प्रभारी श्री त्रिपाठी के कमरे का जब सुबह दरवाजा न खुला तो तत्काल पुलिस कर्मचारियों ने बिजावर एसडीओपी एससी दोहरे को सूचना दी। एसडीओपी श्री दोहरे मौके पर पहुंचे और खिड़की तुड़वाकर देखा तो सब इंस्पेक्टर श्री त्रिपाठी अपने बिस्तर पर खून से लथपथ पड़े थे।
दरवाजे तोड़कर अंदर जाकर देखा गया तो कमरे में एक ओर सर्विस रिवाल्वर पड़ी थी, वहीं एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें सब इंस्पेक्टर श्री त्रिपाठी ने बीमारी का जिक्र करते हुए आत्मघाती कदम उठाने की बात स्वीकार की है। पुलिस ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिजावर में पोस्टमार्टम कराने के उपरांत सब इंस्पेक्टर का शव परिजनों को सौंप दिया है।
रिटायरमेंट के दो वर्ष पहले हार गए जिंदगी
चौकी प्रभारी सब इंस्पेक्टर आरपी त्रिपाठी ने दाहिने तरफ कनपटी में सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मारी जो बांई कनपटी को भेदकर निकल गई। बिजावर एसडीओपी एससी दोहरे ने बताया कि सब इंस्पेक्टर के कमरे में मिले सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी मर्जी से आत्महत्या करना स्वीकार किया है। श्री त्रिपाठी ब्लडप्रेशर और शुगर जैसी बीमारी से ग्रसित थे।
सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि बीपी और शुगर की बीमारी से तंग आकर वह यह कदम उठा रहे है। सब इंस्पेक्टर आपी त्रिपाठी जटाशंकर धाम की पुलिस चौकी में लगभग दो वर्षों से पदस्थ थे। आगामी दो वर्ष बाद ही उन्हें पुलिस सेवा से रिटायर्ड होना था लेकिन इसके पहले ही उन्होंने बीमारी से तंग आकर आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया।
इस घटना की सूचना जैसे ही सब इंस्पेक्टर श्री त्रिपाठी के परिजनों को दी गई तो झांसी जिले के गृहग्राम खजराहा से उनकी पत्नि और पुत्र तत्काल ही बिजावर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गए। पोस्टमार्टम के दौरान अस्पताल परिसर में श्री त्रिपाठी के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। हालांकि पुलिस अधिकारी और कर्मचारी उन्हें सात्वना प्रदान कर रहे थे।
पुलिस अधीक्षक के नाम पत्र
'मुझे शुगर की बीमारी है जिससे मैं परेशान रहता हूं, जीना नहीं चाहता हूं। मेरे मरने के बाद मेरे बेटे को टीकमगढ़ जिले में लिपिक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। मुझे वहां जलाया जाए जहां मेरे पिताजी का अंतिम संस्कार किया गया था। मुझे दूध वाले के पैसे देना थे जो मैं नहीं दे पाया। '
परिजनों के नाम पत्र
'मुझसे परिवार में जो भी गल्तियां हुई हों उनकी मैं माफी चाहता हूं, मेरे बेटा-बेटी खुश रहें, मैं भोलेनाथ की शरण में तैनात रहकर अपने परिवार की खुशी की कामना करता रहा हूं।