इंदौर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय 'नोट के बदले वोट' मामले में फंसे हुए हैं। निर्वाचन कार्यालय में रखी हुई एक सीडी इस मामले में अहद दस्तावेज थी परंतु अधिकारियों ने कोर्ट को बताया है कि वो सीडी तो गायब हो गई है। अब राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त एक महीने के भीतर जांच करके पता लगाएंगे कि वो सीडी कहां गई और उसके साथ किसने क्या किया।
विजयवर्गीय के खिलाफ चुनाव याचिका में याचिकाकर्ता का आवेदन स्वीकारते हुए मंगलवार को कोर्ट ने यह आदेश दिया। यह चुनाव याचिका अंतरसिंह दरबार ने दायर की है। उनकी ओर से एडवोकेट रवींद्रसिंह छाबड़ा और विभोर खंडेलवाल पैरवी कर रहे हैं। पिछली सुनवाई पर एसडीएम संतोषकुमार टैगोर ने कोर्ट में बयान दिया था कि जिस सीडी में मोहर्रम कार्यक्रम की रिकार्डिंग थी, वह कार्यालय से गुम गई है। उसे पेश नहीं किया जा सकता।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि सीडी में विजयवर्गीय द्वारा मेडल और ट्रॉफी बांटने की रिकार्डिंग है। उसने आवेदन देकर सीडी गुमने के मामले की जांच कराने की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने आदेश में यह भी कहा कि जांच जिला निर्वाचन अधिकारी से ऊपर की रैंक के अधिकारी द्वारा कराई जाए।
तीन बिंदुओं पर करना है जांच
अपीलीय अधिकारी द्वारा निर्देश दिए जाने के बावजूद याचिकाकर्ता को सीडी की कॉपी उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई।
हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद सीडी कोर्ट में पेश क्यों नहीं की गई।
अगर सीडी नष्ट कर दी गई है तो इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है।