भोपाल। जहां एक ओर पॉलिटिकल कनेक्शन के चलते कई अफसर काली कमाई समेटने में लगे हुए हैं वहीं दूसरी ओर ऐसे भी कई अफसर हैं जो मप्र में नौकरियां करना नहीं चाहते। इनमें आईएएस अफसरों के अलावा राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी शामिल हैं। सहकारिता विभाग में वीआरएस लेकर नौकरियां छोड़ने वालों की संख्या बढ़ रही है।
हाल ही में देवास में एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के महाप्रबंधक सलिल कटारे ने वीआरएस का आवेदन दे दिया। उन्होंने एक माह का वेतन भी जमा कर दिया। हालांकि समझाने पर आवेदन वापस ले लिया। कटारे पहले भी इस्तीफा दे चुके हैं। उप पंजीयक सुरेश शर्मा ने करीब तीन माह पहले नौकरी छोड़ दी। वे सहकारी अधिकरण में पदस्थ थे और काम में मन नहीं लग रहा था।
प्रवेश शर्मा IAS
1982 बैच के आईएएस अफसर ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के कुछ ही दिन बाद जनवरी में वीआरएस ले लिया। वे मुख्य सचिव पद के दावेदार थे।
रोमन सैनी IAS
2013 बैच के आईएएस अधिकारी ने प्रशिक्षण अवधि पूरी होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। वे जबलपुर में सहायक कलेक्टर पदस्थ थे। उन्होंने इस्तीफा सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे छात्रों को ऑनलाइन कोचिंग देने के लिए लिए दिया।
सूर्यनारायण त्रिपाठी
सतना में परिवहन विभाग के एआरटीओ ने भी दो माह पहले वीआरएस ले लिया। उनका एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे कथित तौर पर आय के बंटवारे की बात कर रहे थे। हालांकि, उन्होंने ऑडियो को फर्जी बताते हुए पहले रायसेन और बाद में सतना में एफआईआर भी कराई थी।