भोपाल। मप्र की शिवराज सरकार लगातार विरोधों का सामना कर रही है। शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षक एवं अध्यापकों के बाद अब राजपत्रिक प्रधानाध्यापक भी विरोध में उतर आए हैं। वो पदनाम, प्रमोशन और ग्रेड पे में विसंगति से नाराज हैं। सरकार उनकी मांगों की तरफ ध्यान ही नहीं दे रही है। ऐसा लगता है मानो शिक्षक संवर्ग को सरकार ने रिटायर होने के लिए छोड़ दिया है।
अब नाराज प्रधानाध्यापकों ने शिवराज सरकार को 4 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। राजपत्रित प्रधानाध्यापक प्रादेशिक संघ के पदाधिकारियों ने रविवार को यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि विसंगति दूर नहीं की तो 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर सम्मान मिला तो उसे लौटा देंगे
संघ की प्रांताध्यक्ष अर्चना राठौर समेत अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि विभाग हेड मास्टरों को लेक्चरर बनाने पर तुला है। हमें हाईस्कूल प्रिंसिपल बनाना चाहिए तो हमारा डिमोशन किया जा रहा है। शासन ने 12 जुलाई को गजट नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें पुरानी बात दोहराई गई है।