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रैली के पहले माधवगंज पर एक आमसभा हुई। सभा के बाद माधवगंज से विशाल रैली निकाल कर कर्मचारी सड़कों पर उतरे। रैली के दौरान हाथों में तख्तियां लिए लगभग 5000 से अधिक महिला एवं पुरुषों ने नारेबाजी की। रैली के दौरान हम अपना अधिकार मांगते, न्यायालय के निर्णय का सम्मान करो... जैसे नारों से शहर गूंज उठा। रैली में शामिल लोग टोपी पहने हुए थे जिस पर स्लोगन लिखे हुए थे कि मैं हूं माई का लाल, प्रमोशन में आरक्षण बंद करो। कलेक्टोरेट पहुंचकर 4 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा।
5000 से ज्यादा शामिल
सपाक्स उपाध्यक्ष मुकेश श्रीवास्तव का दावा है कि रैली में 5000 से ज्यादा कर्मचारी और समाज के लोग एकजुट हुए। क्राइम ब्रांच और सीआईडी ने 3500 लोगों केे रैली में शामिल होने की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी।
30 संगठनों ने दिया समर्थन
रैली में 30 से ज्यादा संगठनों ने अपना समर्थन दिया था। इन संगठनों के सदस्य और पदाधिकारी भी शामिल हुए। वहीं ब्राह्मण, राजपूत, रघुवंशी, जैन, मीना, चौरसिया, दांगी, कुशवाह, साहू समाज आदि ने समर्थन दिया।
वर्ग संघर्ष की स्थिति
आरक्षण के नाम पर पीढ़ी दर पीढ़ी लोग लाभ ले रहे हैं और जरूरतमंद लोगों को अब भी लाभ नहीं मिल रहा है। सामान्य वर्ग के लिए तो प्रदेश की योजनाओं प्रतिबंधित कर दी हैं। इसके परिणाम समाज को ही नहीं आने वाली पीढ़ियों को भुगतने पड़ेंगे।
डॉ. नरेंद्र शुक्ला, सपाक्स के प्रदेश उपाध्यक्ष