भोपाल। मप्र हाउसिंग बोर्ड के खिलाफ अब ग्राहक अदालतों में आने लगे हैं। कंज्यूमर फोरम ने 3 ग्राहकों की याचिका पर फैसला सुनाते हुए हाउसिंग बोर्ड पर जुर्माना ठोक दिया है। ग्राहकों ने घटिया निर्माण और पजेशन में देरी की शिकायत दर्ज कराई थी। फैसले आयोग के अध्यक्ष पीके प्राण एवं सदस्य सुनील श्रीवास्तव एवं मोनिका मलिक की बैंच ने सुनाए हैं।
खराब निर्माण और देर से पजेशन गंभीर समस्या मामले की सुनवाई के दौरान बैंच ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड जैसी संस्था से उपभोक्ता को विश्वसनीयता और गुणवत्ता की उम्मीद होती है लेकिन प्रस्तुत चारों मामलों में देखा गया है कि उपभोक्ता टाइल्स खराब लगने, ड्रेनेज सिस्टम खराब होने, खिड़की दरवाजे ठीक से नहीं काम करने, फर्श का ढलान और टाइल्स फिटिंग खराब, सीलन आदि खराब निर्माण कार्य से परेशान हैं। इसके अलावा देरी से पजेशन देना भी गंभीर समस्या सामने आई।
इन उपभोक्ताओं के हक में आया फैसला
फोरम ने हाउसिंग बोर्ड को आदेश दिए हैं कि वह आवेदक उपभोक्ता अरविंद कुमार और प्रदीप कुमार गोगना के मामले में 35 हजार रुपए 9 प्रतिशत ब्याज के साथ दो माह के भीतर दें। वहीं राजमणि एवं रीता पटेल के मामले में 22 हजार रुपए 9 प्रतिशत ब्याज के साथ दो माह के भीतर और रविन्द्र सिंह के मामले में 45 हजार रुपए 9 प्रतिशत ब्याज के साथ दो माह के भीतर अदा करने के आदेश दिए हैं।