नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी ही पार्टी के सांसदों से खासे नाराज हैं। 3 महीने में यह दूसरा अवसर था जब मोदी ने भाजपा सांसदों की क्लास ली है। मोदी चाहते हैं कि भाजपा के सांसद अनुशासन में काम करें। सबकुछ व्यवस्थित हो परंतु ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा, अत: इस बार धीरे से यह बात भी सांसदों तक पहुंचा दी गई है कि 'मोदी जब टिकट काटने पर आते हैं तो बड़े बड़े नेताओं के नाम पर भी विचार नहीं करते।' संदेश साफ है। यदि बचे हुए ढाई सालों में सांसदों का रवैया ऐसा ही रहा तो कई सारे टिकट कट समझो।
पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलावर को हुई संसदीय दल की बैठक में अपने सांसदो की क्लास ली। पीएम ने इस बैठक में सांसदों को फोन पर कम बात करने को कहा। पीएम ने सांसदो से कहा की आप सभी बहुत काम करते है लेकिन एक बार आप मोबाइल फोन पर दिनभर में जितनी बात करते है, उसका डाटा निकाल लीजिए। फिर दिनभर में फोन पर बात करने में 25 प्रतिशत की कटौती कर दीजिए। उसके बाद आप अपने कामों को समय से पूरा कर दिया करेंगे। इससे आपकी ऊर्जा भी बचेगी और आप ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिल सकेगें।
इसके बाद पीएम मोदी ने मीटिंग में अपने सांसदो से कहा की आपको सांसद बने और सरकार को बने दो साल से ज्यादा हो गए हैं। सरकार ने अपने दो साल के कामों की रिपोर्ट जनता के सामने रख दी हैं लेकिन आप में ज्यादातर लोगों ने अभी तक अपने क्षेत्र में किए गए काम की, सरकार की योजनाओं से आपके क्षेत्र की जनता को कितना लाभ मिला है, उसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं दी हैं। ये चिंता का विषय है, इसलिए जल्दी से जल्दी अपनी रिपोर्ट ऑनलाइन जमा कराइए।
पीएम ने पहले भी लगाई क्लास
इस साल बजट सत्र के दौरान भी पीएम मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक में कहा था कि इस बात का ध्यान सबको रखना चाहिए की सिर्फ सरकार और मेरे सांसद के तौर पर दो साल पूरे नहीं हो रहे हैं, बल्कि आपके भी दो साल पूरे हो रहे हैं। अब समय आ गया है कि कार्यकर्मों के जरिए हम जनता के बीच जाकर सरकार की योजनाओं का और सरकार की उपलब्धियों के बारे में जाकर बताए। साथ ही अपने दो साल के कामों की रिपोर्ट तैयार करे और पार्टी फोरम पर जमा कराए। पिछले तीन महीनों ये दूसरा मौका है जब पीएम ने सांसदो की क्लास ली हों।