इंदौर। प्रधानमंत्री की सभा के दिन भारी बारिश का हवाला देकर स्कूलों की छुट्टी घोषित करने वाले कलेक्टर घिर गए हैं। मंगलवार को एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में लगाई गई है, जबकि एक सीनियर एडवोकेट आनंद मोहन माथुर ने कोर्ट को खुद संज्ञान लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कलेक्टर का आदेश असंवैधानिक है। इससे शिक्षा के मौलिक अधिकार का हनन हुआ।
स्कूल बसों का अधिग्रहण प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को लाने-ले जाने के लिए किया गया। माथुर ने अपनी बात के समर्थन में कई अखबार भी पेश किए। उन्होंने कहा कि मैं संविधान का रक्षक हूं तो कोर्ट संरक्षक। कोर्ट ने एडवोकेट माथुर की बहस सुनने के बाद पूरे मामले को कार्रवाई के लिए चीफ जस्टिस के पास जबलपुर भेज दिया।
वहीं वकील अंशुमन श्रीवास्तव के माध्यम से दायर जनहित याचिका पर आवेदक दीपक जोशी और अखिलेश जैन गोपी ने सवाल उठाया है कि यदि भारी वर्षा की आशंका थी तो कलेक्टर ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा को देखते हुए दौरा निरस्त करने के लिए आला अफसरों को सूचित क्यों नहीं किया?
वास्तविकता यह है कि मौसम विभाग ने मंगलवार को भारी वर्षा की भविष्यवाणी की ही नहीं थी। याचिका में केंद्रीय मौसम विभाग, प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, आदिम जाति कल्याण विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, परिवहन विभाग, संभागायुक्त, कलेक्टर, आरटीओ, नगर निगम कमिश्नर को पक्षकार बनाया गया है।