ग्वालियर। अंतत: वो वक्त आ ही गया जिसका अनुमान था। आरएसएस खुलकर केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के विरोध में आ खड़ा हुआ है। यह तनातनी लंबे समय से चल रही थी। पॉवर में आने के बाद तोमर ने ग्वालियर में संघ को किनारे करने का हर संभव प्रयास किया। संघ से आने वाले भाजपा नेताओं को कभी तवज्जो नहीं दी। प्रशासन पर उन्होंने मजबूत पकड़ बना रखी है। उनसे पूछे बिना कलेक्टर अपने भ्रष्ट पटवारी को भी सस्पेंड नहीं करते।
अब आरएसएस ने अपने अनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत को तोमर के विरोध की जिम्मेदारी सौंपी है। ग्राहक पंचायत सोशल मीडिया के जरिए तोमर विरोधियों को एकजुट का रही है। ट्विटर पर हमले लगातार जारी हैं।
संघ कमजोर, तोमर ताकतवर
अधिकांश भाजपा नेता संघ की कमजोरी को भांप चुके हैं। संघ के कई स्थानीय पदाधिकारियों ने कई बार भाजपा संगठन से काम न होने की शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। राजनीतिक रूप से स्थानीय संघ नेताओं को अक्सर ‘पावर-गेम’ चुनौती देने वाले केंद्रीय मंत्री तोमर ने उन्हें राजनीतिक रूप से बड़ी पटखनी दी। अपनी पूरी ताकत लगाने के बाद भी स्थानीय संघ नेता केवल पिछले विधानसभा चुनावों में जयभान सिंह पवैया को टिकट दिला सके। और दूसरा सहारा संघ को मिला महापौर की गद्दी पर विवेक नारायण शेजवलकर को बैठा कर। ग्राहक पंचायत के ट्वीट के अनुसार अंचल की भ्रष्ट ब्यूरोक्रेसी श्री तोमर के आदेश के बिना कोई काम नहीं कर रही। यही नहीं पंचायत द्वारा नेतृत्व परिवर्तन की मांग भी की जा रही है।
तोमर की अफसरशाही पर मजबूत लगाम
महापौर विवेक नारायण शेजवलकर के फैसलों को चुनौती देने के लिए निगम कमिश्नर अनय द्विवेदी की नियुक्ति। महापौर कई बार असहज तो नजर आए लेकिन कर कुछ न सके। कलेक्टर संजय गोयल को भी तोमर का खास माना जाता है। हाल ही में 15 अगस्त को जयभान सिंह पवैया की मौजूदगी में हुए झंडा वंदन कार्यक्रम से कलेक्टर गोयल नदारद रहे। हालांकि इसके पीछे उनके बीमार होना वजह बताई जा रही है।
ग्राहक पंचायत के ट्वीट के अनुसार वे कोई काम तोमर से पूछे बिना नहीं करते। ऐसी ही कुछ हालत ग्वालियर-चंबल संभाग के अन्य जिलों की भी है। भाजपा में भी तोमर का रुतबा अब काफी बढ़ गया है। स्थानीय संघ नेताओं की बजाय अब उनकी रुचि केंद्रीय और प्रांतीय संघ नेताओं को खुश करने में अधिक है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय तोमर को दिया जाना इसी कारण संभव हो सका।