केवड़ेश्वर महाकाल: यहां मन्नतें पूरी करते हैं महादेव

Bhopal Samachar
डबल चौकी/मध्यप्रदेश। इंदौर से 15 किमी दूर देवगुराड़िया से कंपेल मार्ग पर स्थित स्वयंभू केवड़ेश्वर महाकाल मंदिर अति प्राचीन है। यह स्थान बाबा दूधाधारी महाराजजी की तपोभूमि भी है। इसी स्थान पर बाबाजी ने घने जंगल में तप साधना की थी। उसी के प्रभाव से स्वयंभू महाकाल प्रकट हुए थे। इसी स्थान पर मां शिप्रा दर्शन कुंड है। मंदिर कौरव-पांडवों के समय का है। किंवदंती है कि महाकाल प्रतिवर्ष तिल-तिल बढ़ते हैं।

ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर अभिषेक-पूजन से मनोकामना शीघ्र पूर्ण होती है। इस स्थान पर अखंड चैतन्य धूनी सैकड़ों वर्षों से प्रज्ज्वलित है। इस स्थान पर बाबा त्रयम्बपुरी महाराज ने 108 वर्ष तक तपस्या की थी।

मान्यता है कि इस पवित्र स्थान पर दर्शन मात्र से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। इंदौर सहित आसपास के लोग सावन सोमवार को भगवान केवडेश्वर के दर्शन करने आते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य निहारते हैं। पास में बहती मां शिप्रा के दर्शनों का लाभ भी लेते हैं।

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