
अब तक नियम था कि विधायक अपने पैसे से एसी खरीद लें, लगाने की मंजूरी विधानसभा दे देगी। लेकिन इसका किसी ने उपयोग नहीं किया। इस संबंध में बुधवार को हुई समिति की बैठक में एसी लगाने पर करीब 50 से 70 लाख रुपए का खर्च आने की संभावना का अनुमान लगाया गया है। बिजली का खर्च इससे अलग है। विधायक विश्रामगृह में इस समय 96 पारिवारिक खंड और 100 कमरे हैं। इसके अलावा विस अध्यक्ष के पूल के 35 बंगले हैं। इन सभी में एक-एक एसी लगेगा। मंत्रियों की सुविधा का जिम्मा सरकार के पास होता है, इसलिए उन्हें छोड़कर सभी विधायक को एसी दिए जाएंगे।
यह भी तय किया गया है कि जल्द ही समिति के सदस्य केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु से मिलेंगे। केंद्र सरकार ने सांसदों के लिए यह व्यवस्था की है कि हर साल उनका एक रेलवे कार्ड बन जाता है। उसी को दिखाने से टिकट बनते हैं, लेकिन विधायकों को अब भी कूपन लेने पड़ते हैं। साथ ही जब टिकट लेने जाओ तो उसे जमा कराना पड़ता है। इसमें काफी समय जाता है। समिति सुरेश प्रभु से कहेगी कि सांसदों की तरह विधायकों को भी एक कार्ड दे दिया जाए। सदस्य सुविधा समिति के अध्यक्ष विधायक हेमंत खंडेलवाल हैं। सदस्यों में अशोक रोहाणी, ममता मीणा, जितेंद्र गेहलोत, सौरभ सिंह व महेंद्र सिंह सिसोदिया समिति में शामिल हैं।
केबल कनेक्शन और विश्रामगृह में अतिरिक्त कमरा दिया
बता दें कि विधायक विश्रामगृह में रहने वाले विधायकों को हाल ही में केबल कनेक्शन दिया गया है। इसके अलावा ऐसे विधायक जिनके पास विश्रामगृह में एक ही कमरा था, उन्हें अतिरिक्त कमरा दे दिया गया है। इसके अलावा विधानसभा विधायकों को लैपटॉप भी दे ही रही है।