
स्वीकार कर ली याचिका: जस्टिस ठाकुर देशभर के फुटपाथ और सड़कों से अतिक्रमण हटाने संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। इस दौरान वे थोड़े नाराज भी हुए। उन्होंने कहा कि कोर्ट अतिक्रमण हटाने के लिए नहीं है। हालांकि याचिकाकर्ता की भावुक अपील के बाद प्रधान न्यायाधीश ने याचिका को स्वीकार कर लिया।
जस्टिस ठाकुर ने एक बार तो याचिका को खारिज कर दिया था। इस पर याचिकाकर्ता गिड़गिड़ाने लगा और कहा कि सर ऐसा मत कीजिए। यह बहुत बड़ी परेशानी है। हम खून के आंसू रो रहे हैं। इस पर प्रधान न्यायाधीश नाराज हो गए और कहा, ‘हम भी रो रहे हैं, लेकिन कौन सुन रहा है।’ उन्होंने पुलिस से कहा कि याचिकाकर्ता को कोर्ट से बाहर निकाल दे।