![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgJLnHmVSxYzqWz2ytQNWS87TqBxsYNuQgC_85QtpzGQW4rtcOp-sPO3Ug057PCZgD80WHx5hEUXm8YSS6C8qrctgcTuc2ETk8TBI0wK5lO1gQM_zM4azjawG2fhXvN7mUZEpwDLXkTp_8/s1600/karmachari+samachar+%2528new%2529.png)
आदेश में कहा गया है कि राज्य कर्मचारियों और रिटायर कर्मचारियों (पेंशनरों) को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रमुख सचिव वित्त की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई थी। उस कमेटी की सिफारिशों को शासन ने स्वीकार करते हुए कैशलेश इलाज उपलब्ध कराने का सैद्धांतिक निर्णय लिया है। इसके मद्देनजर यूपी सरकारी सेवक चिकित्सा परिचर्या नियमावली-2014 को मंजूरी के लिए कैबिनेट में पेश किया जाएगा। श्री सिन्हा ने महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं को आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
नियमावली को मंजूरी मिलने के बाद गंभीर बीमारियों का इलाज प्लास्टिक कार्ड बनवाकर पीजीआई, लोहिया, रिम्स सैफई तथा मेडिकल कालेजों के साथ प्रदेश के बड़े चिह्नित प्राइवेट अस्पतालों जिसमें टाटा मेमोरियल मुंबई भी शामिल है में कराया जा सकेगा। कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदेश के लाखों कर्मचारी, अधिकारी और रिटायर कर्मियों को मिल सकेगी। अब इलाज से पहले धन इकट्ठा करने और बाद में भुगतान कराने में आने वाली परेशानियों से राहत मिल सकेगी। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद एकीकृत ने इसे बड़ी जीत मानते हुए खुशी का इजहार किया।