नईदिल्ली। गौरक्षकों को लेकर शुरू हुए बवाल के बीच भाजपा ने 'गौवंश विकास प्रकोष्ठ' को ही खत्म कर दिया है। बीजेपी ने कोई 6 साल पहले इस प्रकोष्ठ का गठन किया था। याद दिला दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ दिनों पहले गौरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया था। इसके बाद गौरक्षक मोदी के खिलाफ खड़े हो गए और सोशल मीडिया पर मामला गरमा गया। अंतत: भाजपा ने वह प्रकोष्ठ ही बंद कर दिया जिसके माध्यम से वो गौरक्षा की बातें किया करती थी।
अब बीजेपी ने नेशनल लेवल पर यह प्रकोष्ठ नहीं बनाने का फैसला किया है। बीजेपी के केंद्रीय और राज्य स्तर पर करीब 40 अलग-अलग प्रकोष्ठ हैं जिसमें से गौवंश विकास प्रकोष्ठ भी एक था। बीजेपी के एक नेता ने बताया, 'राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रकोष्ठों की संख्या घटाकर 12 कर दी है और राज्य इकाई को कुछ नए प्रकोष्ठ बनाने के लिए कहा गया है। ये प्रकोष्ठ स्थानीय जरूरतों के हिसाब से बनाए जाएंगे।
अब केवल यह प्रकोष्ठ रह गए
बीजेपी नेता ने बताया, 'स्टेट यूनिट ने 17 प्रकोष्ठों की घोषणा की है लेकिन उनमें गौवंश विकास प्रकोष्ठ नहीं है।' जो 17 प्रकोष्ठ बनाए गए हैं उनमें लॉ, मेडिकल, कॉपरेटिव, एक्स सर्विसमैन, बुनकर, अध्यापक, व्यापार, स्थानीय निकाय और लघु उद्यम आदि सेक्टर हैं।
खत्म किए जाने से पहले गौ वंश विकास प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक हृदयनाथ सिंह ने बताया कि प्रकोष्ठ 2015 तक सक्रिय था लेकिन अब पार्टी ने इसे भविष्य में न बनाने का फैसला किया है। संघ की पृष्ठभूमि के सिंह ने बताया, 'प्रकोष्ठ का काम गाय के महत्व को लोगों को बताना था। लोगों को गाय पालने के लिए प्रोत्साहित करना और उसके दूध, वंश के महत्व के बारे में लोगों का समझाना था।