
जानकारी के अनुसार, प्रदीप तिवारी नाम का शख्स खुद को वन विभाग अधिकारी बताकर एक लकड़ी व्यापारी पर अवैध वसूली के दबाव बना रहा था। व्यापारी को प्रदीप तिवारी की गतिविधियां संदिग्ध लगी तो उसने अन्य व्यापारियों को सूचित किया। हंगामे और फर्जीवाड़े की सूचना पर थोड़ी देर में मऊगंज पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।
पुलिस की जांच में साफ हो गया कि आरोपी प्रदीप तिवारी फर्जी वन अधिकारी बनकर वसूली कर रहा है। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब प्रदीप तिवारी की भूमिका की जांच कर रही है। पुलिस को अंदेशा है कि आरोपी पहले भी इस तरह की गतिविधियों में लिप्त रहा होगा या फिर वन विभाग के किसी अधिकारी के लिए प्रदीप काम करता होगा। फिलहाल उस अधिकारी का नाम पता नहीं चल पाया है जिसके लिए प्रदीप काम करता है।